नयी दिल्ली। प्रगतिशील लेखक संघ की 75 वीं जयंती मनाने के लिये संघ का 15 वां राष्ट्रीय सम्मेलन आगामी 12 अप्रेल से दिल्ली के दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित होने जा रहा है। इस सम्मेलन में देशभर के नामचीन लेखक, कवि व कलाकार हिस्सा लेंगे। आयोजन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के आह्वान के साथ संघ के महासचिव डॉ. अली जावेद ने एक पत्र जारी किया है, जिसका मजमून कुछ इस प्रकार है:
‘‘ जैसा कि आपको विदित है कि प्रगतिशील लेखकों का आंदोलन इस उप-महाद्वीप में सबसे प्रभावी साहित्यिक आंदोलन रहा है। प्रेमचंद, फैज अहमद फैज,द सज्जाद जहीर, मुल्कराज आनंद, हीरेन मुखर्जी, राजिन्दर सिंह बेदी, कृश्न चंदर, सआदत हसन मंटो, इस्मत चुगताई, मखदूम मोहिउद्दीन, मजाज, मजरूह सुल्तानपुरी, साहिर लुधियानवी, भीष्म साहनी, अली सरदार जाफरी व कैफी आजमी जैसे शीर्ष नाम इस आंदोलन से जुड़े रहे। प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना 1936 में जवाहर लाल नेहरू व रवीन्द्र नाथ टैगौर के सक्रिय समर्थन से हुई थी और मुंशी प्रेमचंद इसके पहले अध्यक्ष बने। भारत के स्वाधीनता आंदोलन को सहयोग प्रदान करने के लिये लेखकों, कवियों, कलाकारों को गोलबंद करने के लिये प्रगतिशील लेखक संघ ने अग्रणी भूमिका निभाई। संघ की अगुआई करने वाले कई नामों को तत्कालीन व्यवस्था का दमन झेलना पड़ा व उन्हें जेल भी जाना पड़ा। महान सामाजिक संदर्भों में उनका लेखन आने वाले पूरे दौर के लिये प्रासंगिक है। आजादी के पश्चात भी प्रगतिशील लेखक संघ धर्मनिरपेक्ष मूल्यों व जनतंत्र के लिये पथप्रदर्शक रहा है।
आगामी 12, 13 व 14 अप्रेल 2012 को प्रगतिशील लेखक संघ का राष्ट्रीय सम्मेलन दिल्ली में होगा।आपसे अनुरोध है कि प्रगतिशील लेखक संघ की 75 वीं जयंती मनाने के लिये इस सम्मेलन में हिस्सा लें।’’
यहां प्रस्तुत है पत्र का मूल प्रारूप व विस्तृत कार्यक्रमः
All India
Progressive Writers’ Association
C-33, Probyn Road , University of Delhi ,
Delhi-110007, Phone: 011-27662108, 9868571543 (M)
Email: alijaved40@hotmail.com
March 22, 2012
Dear Friend,
As you are aware, the Progressive Writers'
Movement (PWA) has been the most influential literary movement of the
Sub-Continent. luminary like Prem Chand, Faiz Ahmad Faiz, Syed Sajjad Zahir,
Mulk Raj Anand, Hiren Mukherji, Rajinder Singh Bedi, Krishna Chandar, Saadat
Hasan Manto, Ismat Chughtai, Makhdoom Mohiuddin, Majaz, Majrooh Sultanpuri,
Sahir Ludhianvi, Bhishm Sahni, Ali Sardar Jafri, Kaifi Azmi to name a few, have
been associated with this movement. The PWA was founded in 1936 with the active
support of Jawaharlal Nehru and Rabindarnath Tagore, and Munshi Prem Chand was
its first president. PWA took the lead in mobilizing writers, poets, artists
and intellectuals to support the freedom struggle of India . Many
leading lights of the PWA suffered repression and imprisonment by the then
establishment. Their writings have great social relevance for all the times to
come. PWA continued to be torch bearer of secular values and democracy after
independence.
National Conference of the PWA will be held
at Delhi (Conference Centre, University of Delhi, North Campus) on 12th,
13th and 14th April 2012. You are
requested to attend this conference to celebrate 75 years of PWA. Please
confirm your participation to enable us to make your stay arrangements.
Arrangements
for your stay during the conference will be made near Delhi University .
This will be communicated to you later.
Details of
the programme of the conference is attached.
Yours
sincerely
Dr. Ali
Javed
General
Secretary
Progressive
Writers’ Association
12-14 April 2012
Conference Centre
(Opp. Botany Department)
12 April (Thursday)
Registration of delegates: 9:00 am. Onwards
10:00 a.m.
Welcome: Ali Javed
Inaugural Speech: Asghar
Ali Engineer
On Pen for Peace and Harmony
Presidium: Namvar
Singh, Sharib Rudaulvi, Ponneelan, Syeda Hameed
Vishwanath
Tripathi, Khagendra Thakur, Karanjit Singh
Guest of Honour: Irfan Habib, Padma Sachdev, Aijaz Ahmad
Messages from Foreign Delegates and Fraternal Organizations.
1:30 Lunch
2:30 pm.
Book Release:
Session 1: Writers and Struggle for a Peaceful World
(In the light of developments in different parts of the
world. Resistance against cultural hegemony)
Speakers: Irfan Habib,Badri Raina,V.N. Tripathi
Intervensions:Ponneelan,Salil Misra,M.M.P. Singh ,Madan
Gopal,Arun Kamal,Geetesh Sharma,Shripad Joshi,J. Raghuvanshi,Rajendra Sharma,Lutfur
Rahman,V.Mohandas
Rapporteur: Rakhshanda Jalil
5:30 Tea Break
6:00 p.m. onwards: Cultural Programme (Play)
13 April (Friday)
10:00
Book Release
Session 2: Literary and Cultural Movements in India
(In the light of the writings on Women, Dalits, Adivasis and
other marginalized sections of the society)
Speakers: Tulsi Ram, Manager Pandey,Harish Narang
Intervensions:Amitava Chakraborty,Ashok Chaudhari,Shakeel
Siddiqui,Virendra Yadav,Rajendra Rajan,Jaiprakash Dhumketu,Rakesh,Mohan
Singh,A.A. Fatmi
Rapporteur: Vineet Tiwari
1:30 Lunch
2:30 pm.
Session 3: Issues of Fundamentalism, Communalism and
Sectarianism in Contemporary Indian Literature.
Speakers: Khagendra Thakur, Sumangla, Kavita Krishnan
Intervensions:Prabhakar Chaube,Ramakant Shrivastava,Jay
Nandan,Dwarika Prasad,Sanjay Shrivastava,Chauthiram Yadav,Swapan
Sengupta,Ibosana Khuman
Rapporteur: Arjumand Ara
5:30 Tea Break
6:00 p.m. onwards: Cultural Programme (Mushaira / Kavi
Sammelan)
14 April (Friday)
10:00
Delegate Session
Report of the General Secretary
Resolutions
Organizational Elections
1:30 Lunch
प्रलेस का पन्द्रहवां राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न
ReplyDeleteअली जावेद नए महा सचिव बने
१४ अप्रैल, नई दिल्ली.
प्रलेस का तीन दिवसीय पन्द्रहवां राष्ट्रीय सम्मेलन आज संपन्न हुआ. सम्मलेन के आखरी अधिवेशन में आज नई कार्य कारिणी का गठन हुआ और अली जावेद को महासचिव चुना गया जो दिल्ली विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में ऐसोसिएट प्रोफेसर हैं. कार्यकारिणी में ३१ सदस्यों के आलावा एक अध्यक्ष मंडल और एक सचिव मंडल बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ. अध्यक्ष मंडल के चेयरमेन प्रसिद्ध तमिल लेखक पुन्निलन तथा अन्य ४ सदस्यों विश्वनाथ त्रिपाठी (दिल्ली), खगेन्द्र ठाकुर (बिहार, झारखण्ड), गीतेश शर्मा (प. बंगाल) और सुखदेव सिंह (पंजाब) का चुनाव हुआ. मलयालम लेखक ओ. वी. एन. कुरूप व प्रो. नामवर सिंह को संरक्षक बनाया गया है, और सचिव मंडल के अन्य सदस्य राजेंद्र राजन (बिहार), सतीश कलसेकर (महाराष्ट्र), पी. लक्ष्मीनारायणा (आन्ध्र प्रदेश) और अमिताभ चक्रवर्ती (प. बंगाल) हैं. हर राज्य का सचिव या अध्यक्ष में से कोई एक कार्यकारिणी के सदय मंडल में शामिल होंगे. तीन दिन के इस सम्मलेन में समस्त भारत के २० राज्यों के लगभग चार सौ लेखकों ने शिरकत की.