राजेन्द्र रघुवंशी (20.04.1920-26.02.2003 ) देश में एक सम्मानित नाम है .स्वातंत्र्य आन्दोलन के योद्धा, कम्युनिस्ट एवं ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता , संस्कृतिकर्मी (इप्टा के संस्थापक सदस्य व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष),श्रमजीवी पत्रकार -उनके बहुआयामी व्यक्तित्व के इन रूपों का साहित्य -सृजन लगातार सहयात्री रहा.कहानी ,नाटक ,व्यंग्य,रेखाचित्र,रिपोर्ताज, संस्मरण अदि विविध साहित्यिक विधाओं के अलावा उन्होंने सार्थक कविताओं-गीतों की रचना की है.
उनका अंतिम जनगीत था -"बाधक हो तूफ़ान-बवंडर,नाटक नहीं रुकेगा"... प्रस्तुत है इप्टा के शुरुआती दौर में रघुवंशीजी का लिखा एक समवेत गान.
मध्य प्रदेश साहित्य सम्मेलन द्वारा शिवपुरी में आयोजित नाटक रचना शिविर, मई 1983 में राजेन्द्र रघुवंशी व ए. के. हंगल। शिविर के संयोजक डा. कमला प्रसाद थे व इसकी सामग्री "नाटक की इबारत" नाम से पुस्तक के रूप में प्रकाशित है।
आदरणीय राजेन्द्र रघुवंशी जी को सुनने के कई अवसर आगरा मे मिले हैं ,उनका व्यक्तित्व प्रेरक और महान था। उनके जन्मदिवस पर हार्दिक श्रद्धांजली।
ReplyDeleteआदरणीय राजेन्द्र रघुवंशी जी को जन्मदिवस पर हार्दिक श्रद्धांजली .......
ReplyDeleteमुझे बहुत अच्छा लगा जब मुझे पता चला की रघुवंशी कुल में भी कोई ऐसा अच्छा काम करने वाले लोग थे रचना रघुवंशी अशोक नगर मध्यप्रदेश
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