सप्रसिद्ध अभिनेता व इप्टा के पूर्व उपाध्यक्ष बलराज साहनी की जन्मशती वर्ष के सिलसिले में अलवर, राजस्थान के ओसवाल स्कूल प्रांगण में विगत दिनों दो नाटकों का मंचन किया गया। इप्टा, अलवर ने नाटक ‘‘दास्ताने-चोर’’ का तथा आकांक्षा संस्थान, जोधपुर ने नाटक ‘‘जी, जैसी आपकी मर्जी’’ की यादगार प्रस्तुति दी।
जगदीश शर्मा द्वारा लिखित व निर्देशित नाटक ‘दास्ताने चोर’ पूंजीवादी अर्थव्यवस्था पर आधारित है, जहाँ एक ओर तो चंद व्यक्तियों के पास धन का अम्बार है, वहीं दूसरी ओर बेकारी, गरीबी व महंगाई की कभी न खत्म होने वाली समस्यायें हैं। इस व्यवस्था के फलस्वरूप पूँजीवादी विलासी जीवन की चकाचौंध एवं मृगमरीचिका उत्पन्न होती है तो दूसरी ओर पारिवारिक रिश्तों में पूर्ण शिथिलता दिखाई पड़ती है। परिस्थितियों के मारे दो चोर एक घर में प्रवेश करते हैं जहाँ एक वृद्ध दंपत्ति का निवास है... और फिर शुरू होता है संवेदनाओं का जलजला जो यह सिद्ध करता है कि मानवीय मूल्यों से मूल्यवान कुछ नहीं है। नाटक में प्रमुख भूमिकायें महेन्द्र सिंह, मंजू सिंह, राजेश महिवाल, संदीप शर्मा, इंदु शर्मा, नीलम शर्मा व राजहंस शर्मा की थीं।
लेखक नादिरा बब्बर व निर्देशक डॉ. विकास कपूर का नाटक ‘‘जी, जैसी आपकी मर्जी, मूलतः चार नारी पात्रों के जीवन-संघर्ष की व्यथा-कथा को चित्रित करता है। ये चार भारतीय नारियां आयु, पृष्ठभूमि, भाषा, रहन-सहन में एक-दूसरे से नितांत भिन्न होते हुए भी एक स्तर पर समान हैं -उनके जीवन के बुनियादी फैसले लेने के लिये वे स्वतंत्र नहीं हैं। आज भी कमाबेश हर नारी को अपने जीवन में शांति बनाये रखनी है और स्वयं को तकलीफों -परेशानियों से दूर रखना है तो उसे अपने जीवन के पुरूष वर्ग से कहना पड़ता है -‘‘जी, जैसी आपकी मर्जी।’’
नाटक में मुख्य भूमिकायें लीला नागर, अनधा पाध्ये, पद्मिनी गौड़, मृणालिनी सिसोदिया, मो. इमरान, पंकज सिंह तँवर, राजकुमार चौहान व मनोहर सिंह चौहान की थीं। संगीत अनिमेष खण्डेलवाल व अंकित दीक्षित का था व नृत्य संयोजन था अनुपमा वकील का। इप्टा, अलवर द्वारा यह आयोजन राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से किया गया।
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