नाट्य समारोह में नाट्य-मंचन का विस्तृत विवरण इसप्रकार है - 26 दिसम्बर को पहले दिन कलामंडली, दिल्ली द्वारा ‘नुगरा का तमासा’ नाटक का मंचन होगा। 27 दिसम्बर को ‘कसाईबाड़ा’ का मंचन करेंगे - सूत्रधार, आजमगढ़ के रंगकर्मी। 28 दिसम्बर की शाम स्थानीय इप्टा के नाम होगी, जो प्रस्तुत करेंगे अपना नाटक ‘बी थ्री’। इस बार नाट्योत्सव का चौथा दिन खास होगा क्योंकि पहले दिन की बजाय चौथे दिन सातवाँ शरदचंद वैरागकर स्मृति रंगकर्मी सम्मान समारोह का आयोजन दिन में ग्यारह बजे होगा, जिसमें प्रसिद्ध अभिनेता, निर्देशक, गायक, वादक, संगीतकार श्री रघुबीर यादव का सम्मान किया जाएगा तथा 29 दिसम्बर की ही शाम सात बजे रायरा रेपर्टरी, मुम्बई का श्री रघुबीर यादव अभिनीत एवं निर्देशित नाटक ‘पियानो’ मंचित होगा। नाट्य समारोह के अंतिम दिन अग्रज नाट्य दल, बिलासपुर का नाटक ‘मुआवजे’ मंचित किया जाएगा।
इप्टा ने इस वर्ष हिंदी रंगजगत के दो बहुत महत्वपूर्ण रंगकर्मियों को खो दिया है - श्री जितेन्द्र रघुवंशी, जो इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव भी थे तथा श्री जुगल किशोर, जो इप्टा लखनऊ के वरिष्ठ सदस्य थे तथा जिन्हें इप्टा रायगढ़ ने चतुर्थ शरदचंद वैरागकर स्मृति रंगकर्मी सम्मान से 2012 में सम्मानित किया था। पूरा समारोह इन दोनों रंगकर्मियों को समर्पित होगा। इसीतरह यह वर्ष प्रसिद्ध साहित्यकार एवं अभिनेता भीष्म साहनी का शताब्दी वर्ष है अतः समारोह का अंतिम नाटक भीष्म साहनी लिखित ‘मुआवजे’ का चयन विशेष रूप से किया गया है।
इस वर्ष नाट्य समारोह का आयोजन पॉलिटेक्निक ऑडिटोरियम में किया जा रहा है। प्रवेश हमेशा की तरह
निःशुल्क होगा।
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