रायपुर में इप्टा की नाट्य कार्यशाला का उद्घाटन मुंबई के पटकथा लेखक श्री अशोक मिश्र ने किया। अपने उद्घाटन वक्तव्य में श्री मिश्र ने कहा कि कलायें न केवल जीवन को अनुशासित बनाती हैं वरन् एक बेहतर इंसान की रचना भी करती हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि व्यवसायिकता एकरूपता उत्पन्न करती है और इससे बचने के लिये नाटकों में भी नये फॉर्म ढूंढने होंगे। श्री मिश्र ने कहा कि रंगमंच में जो आनंद मिलता है वह अतुलनीय है। रंगकर्म को आय का माध्यम बनाने में कोई बुराई नहीं है पर रंगकर्म सार्थक होना चाहिये।
इप्टा के वरिष्ठ साथी श्री सुभाष मिश्र ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। श्री मिनहाज असद ने श्री अशोक मिश्र का स्वागत करते हुए रंगकर्म के क्षेत्र में उनके अवदान का जिक्र किया। संचालक श्री रविन्द्र गोयल ने शिविर के संबंध में जानकारियां दीं।
उधर इप्टा भिलाई द्वारा आयोजित बाल एवं तरुण नाट्य शिविर का शुभारम्भ 5 मई को नेहरु संस्कृत भवन में हुआ । 5 मई से 25 मई तक आयोजित इस शिविर में कुल 144 बच्चों ने पंजीयन कराया है स्व. बलराज साहनी की जन्म शताब्दी को समर्पित इस शिविर का समापन 24 मई को शरीफ अहमद मुक्ताकाशी रंगमंच,25 मई को नेहरु सांस्कृतिक भवन में तथा 26 मई को पायोनियर्स मान्यूमेंट सिविक सेंटर में किया जायेगा।
इप्टा भिलाई द्वारा आयोजित इस शिविर का 17 वां वर्ष है प्रति वर्ष इप्टा तथा रंगमंच से जुड़े कलाकारों द्वारा बच्चों को गायन,नृत्य, अभिनय चित्रकला, मूर्तिकला इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जाता है इस वर्ष गायन की जिम्मेदारी भारत भूषन परगनिहा ,मणिमय मुखर्जी को नृत्य की श्वेता सरकार,भावना सिंह को तथा अभिनय की अशफाक को दी गयी है। थियेटर गेम,इम्प्रोवाजेशन,वाइस एक्सरसाइज का जिम्मा संदीप गोखले,चारू श्रीवास्तव,नितेश केडिया,प्रखर जैन ने लिया है.शिविरार्थियों को अपने अपने क्षेत्र में नाम कमा चुके लेखक, कवि,डाक्टर,प्रशासक,पत्रकार इत्यादि से भी रू-ब-रू करवाया जायेगा।
डोंगरगढ़ इप्टा दिनांक 1 जून से 15 जून तक रंगकर्म पर छात्रों के लिये एक निःशुल्क कार्यशाला का आयोजन करने जा रही है। कार्यशाला के संचालन के लिये मुंबई के रंगकर्मी, निर्देशक व लेखक श्री मंजुल भारद्वाज को आमंत्रित किया गया है। श्री भारद्वाज देश के 28 राज्यों व विदेशों में भी अनेक कार्यशालाओं का संचालन कर चुके हैं तथा भारत व विदेश के कई संस्थानों, अकादमियों व संगठनों में विजिटिंग फैकल्टी हैं। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार द्वारा ‘‘सिटिजन्स काउन्सिल फॉर बेटर टुमारो’’ सम्मान से विभूषित किया गया है।
कार्यशाला में भाग लेने के लिये छात्र-छात्रायें दिनांक 20 मई 2012 तक अपनी प्रविष्टि दर्ज करा सकते हैं। प्रविष्टियों की संख्या क्षमता से अधिक होने पर छात्र-छात्राओं की स्क्रीनिंग कर अंतिम चयन किया जायेगा। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को नाट्यकर्म से संबद्ध विविध विधाओं, लेखन, अभिनय, वाचन, गायन, संगीत आदि के विभिन्न पहलुओं का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जायेगा।
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