Thursday, May 24, 2012

अशोकनगर इप्टा के रंग शिविर के समापन की तैयारी


दो नाटक, चार नृत्य, जनगीत की प्रस्तुति और 
‘‘बाल रंग संवाद’’ का होगा विमोचन

अशोकनगर, 24 मई: भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) की अशोकनगर इकाई द्वारा आयोजित आठवें 25 दिवसीय ग्रीष्मकालीन बाल एवं किशोर रंग  शिविर  का समापन समारोह स्थानीय माधव भवन में 25 मई को शाम सात बजे होगा। इस अवसर पर  शिविर  में भाग लेने वाले बच्चे दो नाटक ‘‘पार्टीशन’’ और ‘‘इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर’’, चार लोकनृत्य ‘‘राई’’, ‘‘पंथी’’, ‘‘दादरिया’’ और ‘‘कालबेलिया’’ की प्रस्तुति देंगे। साथ ही 25 दिन की गतिविधियों, इप्टा के इतिहास, बच्चों के रचनाकर्म और अन्य जानकारियों से पूर्ण 24 पृष्ठीय अखबार ‘‘बाल रंग संवाद’’ का विमोचन भी होगा। इसके अलावा जनगीत भी प्रस्तुत किए जाएंगे।

 नृत्य निर्देशक इंद्र पांडे से प्रशिक्षण प्राप्त करते शिविरार्थी
एक मई से शुरू हुए इस  शिविर में बच्चों ने व्यायाम, नृत्य, नाट्य कला, पत्रकारिता, चित्रकारी, क्राफ्ट समेत कई कलाओं का प्रशिक्षण विशेषज्ञों द्वारा प्राप्त किया। इस दौरान बच्चों ने इप्टा  अशोकनगर  की अध्यक्ष सीमा राजोरिया के निर्देशन में स्वयं प्रकाश  की कहानी  ‘‘पार्टीशन’’  पर आधारित सत्येंद्र रघुवंशी का लिखा नाटक तैयार किया है, जिसका प्रदर्शन समापन समारोह में किया जाएगा। नाटक के बारे में सीमा राजोरिया ने बताया कि हिंदुस्तान का विभाजन एक खास तारीख को हुआ बताया जाता है, लेकिन समाज में यह बंटवारा आज भी जारी है। इसे कुछ पात्रों के माध्यम से स्वयं  प्रकाश  ने पकड़ा और सत्येंद्र  रघुवंशी  ने इसका विस्तृत नाट्य आलेख तैयार किया है। नाटक में कोई भी नायक या खलनायक नहीं है, बल्कि परिस्थितियां और घटनाएं ही इंसान-इंसान के बीच दूरी पैदा कर रही हैं, इस कथ्य को बच्चों ने खूबसूरती के साथ सामने रखा है। 

 बच्चों को आधुनिक कला की प्रायोगिक जानकारी देते चित्रकार मुकेश बिजौले
दूसरा नाटक ‘‘इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर’’ है, जो ख्यातिलब्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की कहानी पर आधारित है, इसका नाट्य रूपांतरण तपन बनर्जी ने किया है। इस नाटक का निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी विनोद शर्मा ने किया है। नाटक के बारे में विनोद शर्मा ने बताया कि परसाई जी की इस कहानी में मातादीन नाम का एक इंस्पेक्टर चंद्रमा की पुलिस को प्रशिक्षित करने के लिए जाता है, और वहां वह एक ऐसी कार्यशैली विकसित करता है, जिससे पुलिस कमजोर, निर्दोष लोगों को सताने लगती है। व्यंग्य शैली का यह नुक्कड़ नाटक काफी प्रसिद्ध है और  अशोकनगर के दर्शकों के सामने यह इस नाटक की पहली प्रस्तुति है। 

समापन समारोह के अवसर पर बच्चे जाने माने लोक नृत्य निर्देशन इंद्र पांडे के मार्गदर्शन में तैयार चार लोकनृत्यों की प्रस्तुति भी देंगे। इंद्र पांडे ने बताया कि लोकनृत्य हमारी संस्कृति को तो दर्शाते ही हैं, साथ ही बच्चों में सामूहिक कार्य की भावना और जीवन की लय के साथ तालमेल का मुहावरा भी गढ़ते हैं। यह चारों नृत्य अपने आप में एक विचार हैं और इनमें संयोजन, शरीर संचालन, विश्वास और चेहरे के भावों का विशेष महत्व है। 

कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा तैयार शहर की समस्याओं, डायरी, चित्र और नाटक आदि पर आधारित 24 पेज का ‘‘बाल रंग संवाद’’ अखबार का विमोचन भी होगा। यह अखबार बच्चों ने मेरठ से आए पत्रकार सचिन श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में तैयार किया है। अखबार के बारे में सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि लोकतंत्र के तीन  स्तंभ के बारे में बच्चों को शुरुआत से ही जानकारी दी जाती है, लेकिन चौथे स्तंभ मीडिया के बारे में उनकी जानकारी अनुभव आधारित होती है। इसे प्रायोगिक ढंग से समझाकर पत्रकारिता के उद्देश्य और उसकी कार्यशैली से बच्चों को परिचित कराया गया है। यह लगातार तीसरा साल है, जब बच्चों ने उत्साह के साथ अखबार निकाला है। 

शिविर में रतनलाल पटेल और रामदुलारी शर्मा के मार्गदर्शन में तैयार जनगीत भी बच्चे प्रस्तुत करेंगे। इस संबंध में रतनलाल पटेल ने कहा कि शिविर में बच्चों को दस से अधिक ताल की जानकारी दी गई है। इस बीच बच्चों ने करीब 15 जनगीतों का अभ्यास किया है, और अशोकनगर के बच्चों में गायन की अनूठी प्रतिभा को इस माध्यम से उभारा जा सकता है।

कार्यक्रम के बारे में इप्टा के प्रदेश महासचिव हरिओम राजोरिया ने बताया कि 25 मई को इप्टा अपने गठन के 70वें साल में प्रवेश कर रही है और यह कार्यशला महान अभिनेता बलराज साहनी के कला अवदान को समर्पित थी। एक मई 1913 को जन्मे बलराज साहनी का यह शताब्दी वर्ष है। इस समय देश भर में इप्टा की 20 से अधिक बाल कार्यशालाएं चल रही हैं और अशोकनगर इकाई का कार्य पूरे देश में अलग से रेखांकित किया जा रहा है, यह पूरे शहर के लिए गर्व का विषय है।

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