जबलपुर, 23 अगस्त, 2015. देश के मौजूदा सामाजिक-सांस्कृतिक संकट के प्रति सांस्कृतिक हस्तक्षेप की भूमिका को निर्धारित करने के लिए देश के प्रमुख सांस्कृतिक-साहित्यिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने जबलपुर में दो दिवसीय विमर्श किया। बैठक में राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्ष, जनतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले सांस्कृतिक-सामाजिक संगठनों एवं राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार, साहित्यकार, संस्कृतिकर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि को शामिल करते हुए साझा मोर्चा बनाने का निर्णय लिया गया।विमर्श बैठक की अध्यक्षता रणबीर सिंह, के. प्रताप रेड्डी, मलय, और प्रभाकर चैबे की अध्यक्ष मंड़ली ने की।
अभियान का नाम ‘साझा संघर्ष, साझी विरासतः सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और जनतांत्रिक मूल्यों के पक्ष में सांस्कृतिक अभियान’ होगा। अभियान के प्रथम चरण की शुरूआत 6 दिसम्बर, 2015 को पूरे देश में होगी। इसके तहत् सांस्कृतिक यात्राएं, सभा, संगोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, काव्य-पाठ, फिल्म प्रदर्शन आदि विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। अभियान का दूसरा चरण गांव केन्द्रित होगा। जिसकी शुरूआत 14 अप्रैल, 2016 को अम्बेडकर जयंती पर होगी।
इस साझा अभियान में सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्ष, जनतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले सांस्कृतिक-सामाजिक संगठनों को शामिल करने का प्रयास होगा। इनमें स्त्री, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, नौजवान, किसान-मजदूर-सामाजिक संगठनों को भागीदार बनाया जायेगा। साथ ही, राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार, साहित्यकार, संस्कृतिकर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, आदि को भी इस अभियान का सहभागी बनाया जायेगा।
बैठक में भारतीय जननाट्य संघ (इप्टा), प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ, जन संस्कृति मंच, विकल्प-अखिल भारतीय जनवादी सांस्कृतिक-सामाजिक मोर्चा एवं अलग दुनिया के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
(हिमांशु राय)
राष्ट्रीय सचिव, इप्टा
09425387580
राष्ट्रीय सचिव, इप्टा
09425387580
No comments:
Post a Comment