Saturday, August 1, 2015

प्रेमचंद जयंती : विकास के मुखौटे में सांप्रदायिकता

खनऊ। प्रेमचंद की 135वीं जयंती पर शहर में कई आयोजन हुए। इप्टा की ओर से पंच परमेश्वर और शूद्र का मंचन राय उमानाथ बली ऑडिटोरियम में किया गया। जहां प्रेमचंद अमीनाबाद में रहे थे, वहां भी पुष्पांजलि अर्पित की गई।
ओपी अवस्थी के निर्देशन में मंचित नाटक पंच परमेश्वर के माध्यम से लोगों को संदेश दिया कि पंच वास्तव में परमेश्वर का रूप होता है। उसे निष्पक्ष होना चाहिए। ओपी अवस्थी ने दस साल पहले दिल्ली में किया था। साधारण मंच सज्जा के साथ इस नाटक को उदयवीर सिंह, इच्छा शंकर, शैलेन्द्र, निश्छल, प्रीति, पारस, ममता, ऋषभ, उत्कर्ष, प्रभात, निखिल, विपिन और अम्बर ने इसमें अभिनय किया। इसके बाद नाटक शूद्रा का मंचन प्रदीप घोष के निर्देशन में किया गया। उल्लेखनीय बात यही रहीं कि प्रगतिशील लेखक संघ की साहित्यकार उषा राय ने शेफाली और किरन सिंह ने गौरा की केन्द्रीय भूमिकाएं अदा की। नाटक ने शोषण और संवेदनहीनता को बखूबी उभारा गया। मंच पर अलकनंदा, छाया चटर्जी, निखिल, प्रभात, उत्कर्ष, आलोक ने अभिनय किया। 
नाट्य प्रस्तुति से पहले लिटिल इप्टा दल की ओर से सुमन श्रीवास्तव के निर्देशन में गरिमा सिंह, आंचल सिंह, सोनी यादव, कविता यादव रविता यादव ने हमे दिखा दो किताबों की दुनिया, हमारा भी मन है स्कूल जाएं गीत सुनाकर तालियां बटोरीं। यह ऐसी गरीब बच्चियां थीं, जो पहली बार मंच पर प्रस्तुति देने पहुंची। समारोह की शुरुआत में वरिष्ठ रंगकर्मी राकेश ने कहा कि प्रेमचंद आज अधिक प्रासंगिक है। उनके समय में साम्प्रदायिकता, संस्कृति का चोला पहन कर आती थी, वर्तमान में वह विकास का मुखौटा लगाए हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार शोषण के खिलाफ जनजागृति का संदेश दिया।
भारतीय लेखिका परिषद की ओर परिषद की उपाध्यक्ष उषा चौधरी के संयोजन में चारबाग स्थित बाल संग्रहालय में प्रेमचंद जयंती पर संगोष्ठी हुई। स्वरूप कुमारी बक्शी की अध्यक्षा में हुई इस संगोष्ठी में उषा सिन्हा और उषा सक्सेना ने प्रेमचंद के साहित्य पर चर्चा की।
रंगनाद की ओर से वाणी विनायक अकादमी, बशीरतगंज में नाटक बूढ़ी काकी का प्रदर्शन रोजी दुबे के निर्देशन में किया गया। नाटक ने बुजुर्गों के सम्मान का संदेश दिया। इसमें प्रिया, अनन्या, अनिल, सुभाष ने अभिनय किया।
प्रेमचंद मारवाड़ी वाली गली में जिस घर में किराए पर रहे थे, वहां विनय संगीत विद्यालय की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की गई। विद्यालय की प्रधानाचार्य मुनमुन राय और प्रमोद कुमार ने प्रेमचंद के सादगी भरे जीवन और उच्च विचारों से बच्चों को प्रेरणा लेने का संदेश दिया। सारांश कुमार, जोनाथन सहाय, संगीत सक्सेना, सृष्टि मिश्रा वंदना पेश की।
नवभारत टाइम्स से साभार

1 comment:

  1. प्रेमचंद जयंती पर उनकी याद में सार्थक प्रस्तुतिकरण हेतु आभार

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