रांची, 25 मई: इप्टा की 70 वीं वर्षगांठ पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अ़ध्यक्ष परमजीत सिंह ढाबा ने करते हुए इप्टा के गौरवशाली अतीत की चर्चा की और कहा कि आज इप्टा जैसे सांस्कृतिक संगठन की जरुरत बढ़ गयी है, जब देश में आम-अवाम की जिंदगी को बदहाल करके रख दिया गया है.
सांस्कृतिक संध्या का मुख्य आकर्षण म्यूजिकल काव्य वाचन था. सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य कार्यालय के सामने वाले मैदान में हुआ. श्री ढाबा ने कहा कि इप्टा के कलाकारों को गांव-गांव, गली-गली जाकर सरकार और कारपोरेट घरानों की साजिशों को बेनकाब करने की जरुरत है, ताकि इस सड़ी-गली व्यवस्था को बदल कर आम अवाम की जिंदगी को बेहतर बनाया जा सके. इस अवसर पर नसीम खान स्मृति चित्रकला प्रतियोगिता-2012 का आयोजन स्थानीय विकास मैत्री में किया गया था. नसीम खान मूर्तिकार और फाइन आर्टिस्ट थे. उन्हें उत्कृष्ट मूर्तिकला के लिए सोवियत लैंड पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वे इप्टा, रांची के संस्थापक सदस्यों में से एक थे. झारखंड में इप्टा आंदोलन को समृद्ध करने में उनकी अहम् भूमिका थी.
इस प्रतियोगिता में 79 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. प्रतियोगिता चार समूहों में बांट कर संपन्न करायी गयी थी. पहले समूह में 3-6, दूसरे समूह में 7-10, तृतीय समूह में 11-14 और चतुर्थ समूह में 15 वर्ष से उपर के कलाकारों को शामिल किया गया था. इस प्रतियोगिता में पहले समूह में सोमेन प्रमाणिक प्रथम, प्रांतिक द्वितीय, विप्लव तृतीय और दो सांत्वना पुरस्कार श्रीजीत मल्लिक व जष कुमार को घोषित किया गया. द्वितीय समूह में शशांक मंडल प्रथम, स्वास्तिका नायक द्वितीय, अभिनव बनर्जी तृतीय और सांत्वना पुरस्कार शायन चक्रवर्ती व देवराज तथा तृतीय समूह में सौम्या सान्याल प्रथम, सुप्रतीक दास द्वितीय, किरण तृतीय और सांत्वना पुरस्कार अनिंद मित्र व मनीत कौर सेहरा घोषित हुईं. चतुर्थ समूह में खिरोद महतो प्रथम, राहुल द्वितीय और शिवानी नारायणन तृतीय हुईं.
सांस्कृतिक संध्या के आयोजन स्थल पर सभी प्रतिभागियों द्वारा बनाये गये चित्रों को प्रदर्शनी के लिए लगाया था. प्रदर्शनी का प्रारंभ डॉ. खगेंद्र ठाकुर ने इप्टा के इतिहास के बारे में लोगों को बताते हुए किया. इस अवसर पर उन्होंने इप्टा का झंडा फहराया. सांस्कृतिक संध्या के प्रारंभ में नजरुल इस्लाम की जयंती पर उनकी एक कविता का पाठ कर सुमेधा मल्लिक ने उन्हें याद किया. उसके बाद इप्टा के कलाकारों ने कई जनवादी गीतों को प्रस्तुत किया. इस सांस्कृतिक संध्या का मुख्य आकर्षण स्थानीय कवि जयराज की कविताओं का म्यूजिकल काव्य वाचन था. इस काव्य वाचन में इप्टा की कलाकार प्रीति पांडेय, सुकृति बाग, श्वेता कुमारी, बबीता कुमारी ने भाग लिया . वहीं बाल कलाकार श्रीजीत मल्लिक ने ‘रूके न जो’ गीत प्रस्तुत किया. काव्य वाचन में संगीत सुजय बोस का था. इस अवसर पर सैकड़ों दर्शक मौजूद थे.
सफल आयोजन के लिए बहुत बहुत बधाई!!!
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