विश्व रंगमंच दिवस पर देशभर में कार्यक्रम
भिलाई। विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर स्थानीय नेहरू सांस्कृतिक में इप्टा भिलाई द्वारा विभिन्न नाटकों का मंचन किया जायेगा। कार्यक्रम की शुरूआत जयप्रकाश नायर के संक्षिप्त वक्तव्य के साथ होगी, जिसमें वे विश्व रंगमंच दिवस के महत्व को रेखांकित करेंगे। इसके बाद इप्टा के स्वर्गीय साथी शरीफ अहमद का लिखा अंतिम नाटक "मंथन" खेला जायेगा, जिसे सामूहिक निर्देशन के साथ भिलाई इप्टा द्वारा खेला जायेगा। इस नाटक में केवल दो ही पात्र हैं।
इसके पश्चात बाल कलाकारों द्वारा नाटक "जलेबियां" का मंचन किया जायेगा। नईम अहमद काज़मी की इस कथा का अनुवाद किया है रणदीप अधिकारी ने व इसका नाट्य रूपांतर किया है शरीफ अहमद ने। निर्माण निशु पांडे व जगनाथ साहू का है। दर्शकों की मांग रही तो एक अन्य नाटक "क्या हम मनुष्य हैं" भी खेला जा सकता है, जिसका निर्देशन सुमय मुखर्जी ने किया है। यह नाटक जीशान अली द्वारा कार्यशाला में तैयार किया गया था।
जयपुर। २७ मार्च को विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर देशभर में नाट्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है। भला, इससे जयपुर रंगमंच कैसे जुदा रह सकता है। रवीन्द्र मंच पर इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन के बैनर तले दो दिवसीय नाट्योत्सव की शुरुआत दिवस की पूर्व संध्या पर शाम सात बजे इप्टा के जनगीतों की प्रस्तुति से होगी और रंगमंच दिवस के मौके पर इप्टा के कार्यकारी अध्यक्ष रणवीर सिंह के लिखित नाटक – सांध्य काले प्रभात फेरी – नाटक का मंचन होगा। इसका निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी संजय विद्रोही करेंगे।
पटना। शहीद भगतसिंह के शहादत दिवस पर म.प्र. इप्टा ने बालश्रम जैसे प्रश्न उठाने वाला एक नाटक 23 मार्च को रांची में किया | इस नाटक के प्रदर्शन में उल्लेखनीय बात यह रही कि इसे मध्यप्रदेश इप्टा की चार अलग-अलग इकाईयों के बीस बच्चों ने मिलकर इंदौर में तैयार किया | यह इंदौर इकाई का नाटक है और इसे करने के लिए रांची ,डाल्टनगंज और पटना से बुलावा आया था |रांची और डाल्टनगंज में तो भगतसिंह समारोह समिति इसे करवा रही थी | पर दिक्कत यह आ रही थी कि इस नाटक के अनेक बाल पत्रों की मार्च में परीक्षाएं चल रहीं थीं | इस स्थिति से निपटने के लिए इप्टा की दूसरी इकाईयों से संपर्क किया गया और फिर अशोकनगर ,गुना ,सेंधवा और इंदौर इकाई के वे बच्चे जिनकी परीक्षाएं निवट गयीं थीं ,उन्होंने मिलकर नाटक की तैयारी की | "जब हम चिड़िया की बात करते हैं " (लेखक-विनीत तिवारी , निर्देशक-जया मेहता , सह निर्देशक- सारिका ) इस बीस पात्रीय नाटक का नए सिरे से संगीत तैयार किया इप्टा अशोकनगर के साथी रतनलाल पटेल और रामदुलारी शर्मा ने | 25 मार्च को इस नाटक का शो डाल्टनगंज मैं किया गया तथा 28 मार्च को पटना मैं होगा |
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