जबलपुर में इप्टा की राष्ट्रीय समिति की बैठक
इप्टा की स्थापना का यह 75वां वर्ष है। इस अवसर पूरे देश में इप्टा और सम्बद्ध संगठनों द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी उपलक्ष्य में पटना में 27 से 31 अक्टूबर 2018 तक इप्टा की 75वीं वर्षगांठ को मनाने के लिए एक भव्य उत्सव आयोजित हो रहा है। इस उत्सव को योजनाबद्ध तरीके से आयोजित करने हेतु और उसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हेतु भारतीय जननाट्य संघ इप्टा की नेशनल कमेटी की मीटिंग जबलपुर में 19-20 मई को आयोजित की गई।
इस महत्वपूर्ण बैठक हेतु इप्टा के महासचिव राकेश व वेदा राकेश 15 मई को ही जबलपुर आ गये। 17 मई को उड़ीसा से सुशांत महापात्र व कृष्णप्रिया मिश्रा पहुंच गये। 18 मई की सुबह से प्रतिनिधियों का आना शुरू हो गया। आसाम से प्रमोद भुइंया और उनकी पत्नी इला सुबह 5 बजे पंहुच गये। मुम्बई से नवीन नीरज दोपहर को पंहुचे। झारखंड से शैलेन्द्र कुमार, उपेन्द्र और शीतल भी दोपहर को पंहुच गये। दोपहर को वायुयान से केरल से उपाध्यक्ष टी वी बालन और एन बालाचन्द्रन पंहुचे। 18 मई की ही शाम को कर्नाटक के साथी शणमुख स्वामी और रामाकृष्णा पंहुच गये। कोलकाता से साथी अभिताभ चक्रवर्ती भी पंहुच गये। रायगढ़ से अजय व उषा आठले रात तक जबलपुर पंहुच गये। 18 मई की शाम आजमगढ से लोककलाकार बैजनाथ यादव व चंडीगढ से बलकार सिद्धू, कंवलनैन सिंह सेखों और डा स्वराज संधू पंहुचे। 19 की सुबह दो बजे पटना से तनवीर अख्तर, संजय, फिरोज, संजीव कुमार और आसिफ पंहुच गये। 19 की सुबह दिल्ली से मनीष श्रीवास्तव, अमिताभ पांडेय, नूर ज+हीर और मलांचा चक्रवर्ती, जयपुर से इप्टा के अध्यक्ष रणबीर सिंह जी, अशोकनगर से हरिओम राजौरिया, पंजाब से इंदरजीत सिंह, जगदीश सिंह, सरबजीत कौर और प्रो डा अमन भोगल, आगरा से भावना जितेन्द्र रघुवंशी, ज्योत्सना रघुवंशी, दिलीप रघुवंशी, मुक्तिकिंकर, रायबरेली से संतोष डे, छतरपुर से शिवेन्द्र शुक्ला, भिलाई से राजेश श्रीवास्तव, मणिमय मुखर्जी, तेलंगाना से लक्ष्मीनारायण, जेकब, उत्तराखंड से वी के डोभाल, इंदौर से विनीत तिवारी और विजय दलाल, शहडोल से वी के नामदेव, रीवां से डा विद्याप्रकाश और चन्द्रशेखर व रायपुर से निसार अली पंहुचे।
19 की सुबह से ही उत्सव का सा माहौल बन गया था। देश के चारों कोनों से पंहुचे प्रतिनिधि 17 प्रदेशों व केन्द्रशासित राज्यों से इस बैठक में सदस्यगण आए। इसी से इस बैठक के महत्व का पता चलता है। चाय नाश्ते के दौर के बीच में सभी एक दूसरे से हालचाल जानते रहे। सभी की चिंताएं एक सी थीं।
19 मई की सुबह 10.30 बजे राष्ट्रीय समिति की बैठक प्रारंभ हुई। मंच पर इप्टा के अध्यक्ष रणबीर सिंह, उपाध्यक्षगण तनवीर अख्तर, हिमांशु राय, टी वी बालन,अमिताभ चक्रवर्ती और महासचिव राकेश आसीन थे। महासचिव राकेश ने प्रारंभिक उद्बोधन देते हुए देश के सांस्कृतिक हालात पर बातचीत की और बैठक का एजेंडा बताया। इप्टा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय समिति की जबलपुर बैठक के मेजबान हिमांशु राय ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि यह बैठक एक यादगार बैठक होगी। इसमें लिए गए निर्णय हमारे भविष्य की दिशा और कार्यक्रम तय करने में सफल होंगे। इस अवसर पर रायपुर से आए निसार अली ने आम आदमी की पीड़ा को व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ी में नाचा गम्मत का एक अंश प्रस्तुत किया।
इसके पश्चात् एजेंडे पर बिन्दुवार विचार शुरू हुआ जिसमें बहुत से संगठनात्मक फैसले लिए गए और जिम्मेदारियां सौंपी गई। यह प्रयास किया जा रहा है कि 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत के सांस्कृतिक इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली शख्सियतों पर मोनोग्राफ प्रकाशित किए जाएं। इप्टा के सेन्ट्रल स्क्वैड के सदस्यों, इप्टा के जन्म से लेकर अबतक महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कलाकारों, साहित्यकारों को इस तरह स्मरण किया जाए। इप्टा के इतिहास में देश के विभिन्न प्रदेशों और शहरों में किए गये कामों का भी दस्तावेजीकरण किया जाए। हर प्रदेश की इप्टा का इतिहास लिखा जाए।
पटना में होने वाले सम्मेलन की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा हुई। उसका एक प्रारंभिक खाका तनवीर अख्तर ने प्रस्तुत किया जिस पर अनेक सुझाव आए। यह भी तय किया गया कि इप्टा से सहमति रखने वाले देश के सभी साहित्यकारों, कलाकारों, चि+त्रकारांे, संगीत व गायन, लोककलाओं के कलाकारों व फिल्म व टी वी से जुड़े कलाकारों, निर्देशकों फोटोग्राफर्स, फिल्मकार सभी को सम्मेलन में ससम्मान आमंत्रित किया जाए ताकि इप्टा का एक उदार और व्यापक स्वरूप बन सके। विभिन्न विधाओं पर केन्द्रित कार्यक्रम व सम्मेलन आयोजित किए जाने की संभावनाओं पर विचार हुआ।
19 मई को विवेचना ने राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। विषय था - आज का समय और रंगकर्म की चुनौतियां। इस विषय पर इप्टा के महासचिव राकेश (लखनऊ), वरिष्ठ रंगकर्मी तनवीर अख्तर (पटना) व शैलेन्द्र कुमार (पलामू,झारखंड), साहित्यकार व रंगकर्मी नूर ज+हीर (दिल्ली ) और इप्टा के अध्यक्ष श्री रणवीर सिंह (जयपुर) ने अपने विचार व्यक्त किए। इसमें देश भर से आए रंगकर्मियों ने शिरकत की।
19 मई को रात्रि को भोजन के उपरांत देर रात तक अनौपचारिक चर्चाएं चलती रहीं। गायन और नृत्य भी होता रहा। उधर इप्टा के पदाधिकारी दूसरे दिन की कार्यवाही पर बात करते रहे।
20 मई की सुबह 10 बजे से सत्र आरंभ हुआ। इसमें इप्टा के प्रकाशनों, पटना के उत्सव की तैयारियों पर चर्चा हुई। विभिन्न प्रदेशों ने पटना में जाने वाले प्रतिनिधियों की संख्या और प्रस्तुत किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में बताया।
इप्टा की वेबसाइट, स्क्रिप्ट बैंक, आदि पर विस्तार से चर्चा हुई। इप्टा के पटना उत्सव के प्रचार प्रसार पर काफी बातचीत हुई। इसमें मुम्बई से पधारे नवीन नीरज ने नेशनल कमेटी सदस्यों को वेबसाइट और फिल्म निर्माण व अन्य के बारे में विस्तार से समझाया। इनका उपयोग किस तरह से किया जाए इस पर बात हुई।
दोपहर तीन बजे अध्यक्ष रणवीर सिंह व महासचिव राकेश द्वारा नेशनल कमेटी की बैठक के सफल आयोजन हेतु विवेचना,जबलपुर का आभार व्यक्त किया गया। सभी सदस्यों का जिन्होंने लंबी दूरी तय करके प्रचंड गर्मी में यात्रा कर इस बैठक में शिरकत की उसके लिए आभार व्यक्त किया गया। यह आशा व्यक्त की गई कि भारतीय जननाट्य संघ ( इप्टा ) भविष्य में खूब विस्तारित और प्रसारित होगा। पटना का उत्सव बेहद सफल होगा। सभी सदस्य इसकी तैयारियों में जुट जाएं।
अंत में इंदौर सम्मेलन के पश्चात् दिवंगत दुनिया और देश की महत्वपूर्ण हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौन रखा गया और भारतीय जननाट्य संघ की नेशनल कमेटी की 19 व 20 मई 2018 को जबलपुर में आयोजित बैठक समाप्त हुई।
विवेचना जबलपुर के लिए यह गौरव की बात थी कि जबलपुर को इप्टा की नेशनल कमेटी मीटिंग के लिए चुना गया। विवेचना की ओर से इसे सुव्यवस्थित तरीके से आयोजित किया गया। रहने खाने व बैठक की व्यवस्थाएं पूर्णतः व्यवस्थित रहीं। सभी मेहमानों ने जबलपुर में बिताये समय का खूब आनंद लिया। अच्छी चर्चाएं हुईं। जबलपुर की इस बैठक के आयोजन में हिमांशु राय, वसंत काशीकर, बदरीश पांडे, साहिल सेठी, रितिक गौतम और अजय धाबर्डे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इप्टा की स्थापना का यह 75वां वर्ष है। इस अवसर पूरे देश में इप्टा और सम्बद्ध संगठनों द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी उपलक्ष्य में पटना में 27 से 31 अक्टूबर 2018 तक इप्टा की 75वीं वर्षगांठ को मनाने के लिए एक भव्य उत्सव आयोजित हो रहा है। इस उत्सव को योजनाबद्ध तरीके से आयोजित करने हेतु और उसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हेतु भारतीय जननाट्य संघ इप्टा की नेशनल कमेटी की मीटिंग जबलपुर में 19-20 मई को आयोजित की गई।
इस महत्वपूर्ण बैठक हेतु इप्टा के महासचिव राकेश व वेदा राकेश 15 मई को ही जबलपुर आ गये। 17 मई को उड़ीसा से सुशांत महापात्र व कृष्णप्रिया मिश्रा पहुंच गये। 18 मई की सुबह से प्रतिनिधियों का आना शुरू हो गया। आसाम से प्रमोद भुइंया और उनकी पत्नी इला सुबह 5 बजे पंहुच गये। मुम्बई से नवीन नीरज दोपहर को पंहुचे। झारखंड से शैलेन्द्र कुमार, उपेन्द्र और शीतल भी दोपहर को पंहुच गये। दोपहर को वायुयान से केरल से उपाध्यक्ष टी वी बालन और एन बालाचन्द्रन पंहुचे। 18 मई की ही शाम को कर्नाटक के साथी शणमुख स्वामी और रामाकृष्णा पंहुच गये। कोलकाता से साथी अभिताभ चक्रवर्ती भी पंहुच गये। रायगढ़ से अजय व उषा आठले रात तक जबलपुर पंहुच गये। 18 मई की शाम आजमगढ से लोककलाकार बैजनाथ यादव व चंडीगढ से बलकार सिद्धू, कंवलनैन सिंह सेखों और डा स्वराज संधू पंहुचे। 19 की सुबह दो बजे पटना से तनवीर अख्तर, संजय, फिरोज, संजीव कुमार और आसिफ पंहुच गये। 19 की सुबह दिल्ली से मनीष श्रीवास्तव, अमिताभ पांडेय, नूर ज+हीर और मलांचा चक्रवर्ती, जयपुर से इप्टा के अध्यक्ष रणबीर सिंह जी, अशोकनगर से हरिओम राजौरिया, पंजाब से इंदरजीत सिंह, जगदीश सिंह, सरबजीत कौर और प्रो डा अमन भोगल, आगरा से भावना जितेन्द्र रघुवंशी, ज्योत्सना रघुवंशी, दिलीप रघुवंशी, मुक्तिकिंकर, रायबरेली से संतोष डे, छतरपुर से शिवेन्द्र शुक्ला, भिलाई से राजेश श्रीवास्तव, मणिमय मुखर्जी, तेलंगाना से लक्ष्मीनारायण, जेकब, उत्तराखंड से वी के डोभाल, इंदौर से विनीत तिवारी और विजय दलाल, शहडोल से वी के नामदेव, रीवां से डा विद्याप्रकाश और चन्द्रशेखर व रायपुर से निसार अली पंहुचे।
19 की सुबह से ही उत्सव का सा माहौल बन गया था। देश के चारों कोनों से पंहुचे प्रतिनिधि 17 प्रदेशों व केन्द्रशासित राज्यों से इस बैठक में सदस्यगण आए। इसी से इस बैठक के महत्व का पता चलता है। चाय नाश्ते के दौर के बीच में सभी एक दूसरे से हालचाल जानते रहे। सभी की चिंताएं एक सी थीं।
19 मई की सुबह 10.30 बजे राष्ट्रीय समिति की बैठक प्रारंभ हुई। मंच पर इप्टा के अध्यक्ष रणबीर सिंह, उपाध्यक्षगण तनवीर अख्तर, हिमांशु राय, टी वी बालन,अमिताभ चक्रवर्ती और महासचिव राकेश आसीन थे। महासचिव राकेश ने प्रारंभिक उद्बोधन देते हुए देश के सांस्कृतिक हालात पर बातचीत की और बैठक का एजेंडा बताया। इप्टा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय समिति की जबलपुर बैठक के मेजबान हिमांशु राय ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि यह बैठक एक यादगार बैठक होगी। इसमें लिए गए निर्णय हमारे भविष्य की दिशा और कार्यक्रम तय करने में सफल होंगे। इस अवसर पर रायपुर से आए निसार अली ने आम आदमी की पीड़ा को व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ी में नाचा गम्मत का एक अंश प्रस्तुत किया।
इसके पश्चात् एजेंडे पर बिन्दुवार विचार शुरू हुआ जिसमें बहुत से संगठनात्मक फैसले लिए गए और जिम्मेदारियां सौंपी गई। यह प्रयास किया जा रहा है कि 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत के सांस्कृतिक इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली शख्सियतों पर मोनोग्राफ प्रकाशित किए जाएं। इप्टा के सेन्ट्रल स्क्वैड के सदस्यों, इप्टा के जन्म से लेकर अबतक महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कलाकारों, साहित्यकारों को इस तरह स्मरण किया जाए। इप्टा के इतिहास में देश के विभिन्न प्रदेशों और शहरों में किए गये कामों का भी दस्तावेजीकरण किया जाए। हर प्रदेश की इप्टा का इतिहास लिखा जाए।
पटना में होने वाले सम्मेलन की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा हुई। उसका एक प्रारंभिक खाका तनवीर अख्तर ने प्रस्तुत किया जिस पर अनेक सुझाव आए। यह भी तय किया गया कि इप्टा से सहमति रखने वाले देश के सभी साहित्यकारों, कलाकारों, चि+त्रकारांे, संगीत व गायन, लोककलाओं के कलाकारों व फिल्म व टी वी से जुड़े कलाकारों, निर्देशकों फोटोग्राफर्स, फिल्मकार सभी को सम्मेलन में ससम्मान आमंत्रित किया जाए ताकि इप्टा का एक उदार और व्यापक स्वरूप बन सके। विभिन्न विधाओं पर केन्द्रित कार्यक्रम व सम्मेलन आयोजित किए जाने की संभावनाओं पर विचार हुआ।
19 मई को विवेचना ने राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। विषय था - आज का समय और रंगकर्म की चुनौतियां। इस विषय पर इप्टा के महासचिव राकेश (लखनऊ), वरिष्ठ रंगकर्मी तनवीर अख्तर (पटना) व शैलेन्द्र कुमार (पलामू,झारखंड), साहित्यकार व रंगकर्मी नूर ज+हीर (दिल्ली ) और इप्टा के अध्यक्ष श्री रणवीर सिंह (जयपुर) ने अपने विचार व्यक्त किए। इसमें देश भर से आए रंगकर्मियों ने शिरकत की।
19 मई को रात्रि को भोजन के उपरांत देर रात तक अनौपचारिक चर्चाएं चलती रहीं। गायन और नृत्य भी होता रहा। उधर इप्टा के पदाधिकारी दूसरे दिन की कार्यवाही पर बात करते रहे।
20 मई की सुबह 10 बजे से सत्र आरंभ हुआ। इसमें इप्टा के प्रकाशनों, पटना के उत्सव की तैयारियों पर चर्चा हुई। विभिन्न प्रदेशों ने पटना में जाने वाले प्रतिनिधियों की संख्या और प्रस्तुत किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में बताया।
इप्टा की वेबसाइट, स्क्रिप्ट बैंक, आदि पर विस्तार से चर्चा हुई। इप्टा के पटना उत्सव के प्रचार प्रसार पर काफी बातचीत हुई। इसमें मुम्बई से पधारे नवीन नीरज ने नेशनल कमेटी सदस्यों को वेबसाइट और फिल्म निर्माण व अन्य के बारे में विस्तार से समझाया। इनका उपयोग किस तरह से किया जाए इस पर बात हुई।
दोपहर तीन बजे अध्यक्ष रणवीर सिंह व महासचिव राकेश द्वारा नेशनल कमेटी की बैठक के सफल आयोजन हेतु विवेचना,जबलपुर का आभार व्यक्त किया गया। सभी सदस्यों का जिन्होंने लंबी दूरी तय करके प्रचंड गर्मी में यात्रा कर इस बैठक में शिरकत की उसके लिए आभार व्यक्त किया गया। यह आशा व्यक्त की गई कि भारतीय जननाट्य संघ ( इप्टा ) भविष्य में खूब विस्तारित और प्रसारित होगा। पटना का उत्सव बेहद सफल होगा। सभी सदस्य इसकी तैयारियों में जुट जाएं।
अंत में इंदौर सम्मेलन के पश्चात् दिवंगत दुनिया और देश की महत्वपूर्ण हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौन रखा गया और भारतीय जननाट्य संघ की नेशनल कमेटी की 19 व 20 मई 2018 को जबलपुर में आयोजित बैठक समाप्त हुई।
विवेचना जबलपुर के लिए यह गौरव की बात थी कि जबलपुर को इप्टा की नेशनल कमेटी मीटिंग के लिए चुना गया। विवेचना की ओर से इसे सुव्यवस्थित तरीके से आयोजित किया गया। रहने खाने व बैठक की व्यवस्थाएं पूर्णतः व्यवस्थित रहीं। सभी मेहमानों ने जबलपुर में बिताये समय का खूब आनंद लिया। अच्छी चर्चाएं हुईं। जबलपुर की इस बैठक के आयोजन में हिमांशु राय, वसंत काशीकर, बदरीश पांडे, साहिल सेठी, रितिक गौतम और अजय धाबर्डे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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