फैज़ाबाद, 13 नवम्बर 2012। पिछले दिनों फैज़ाबाद में साम्प्रदायिक तत्वों ने दुर्गापूजा के अवसर पर शहर के चौक क्षेत्र में और जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में उपद्रव मचाया और आगजनी की और बहुत से घरों और दुकानों को जला डाला जिससे भारी आर्थिक क्षति हुई। इन घटनाओं से शहर की गंगा -जमुनी संस्कृति को भी गंभीर क्षति पहुची ।
शहर में इस प्रकार की साम्प्रदायिक गतिविधियों के विरुद्ध और सद्भावना के पक्ष में भारतीय जननाट्य संघ (इप्टा), भारतीय नौजवान सभा और अन्य सांस्कृतिक संस्थाओं ने 18 नवम्बर, दिन रविवार को दिन के दो बजे से गुलाबबाड़ी से गाँधी पार्क तक सद्भावना मार्च निकालने का निर्णय लिया है। यह मार्च चौक होते हुए गाँधी पार्क पहुंच कर समाप्त होगा।
इस शांति मार्च में मुख्य रूप से प्रो. रूपरेखा वर्मा (सांझी दुनिया), भारतीय जननाट्य संघ के महासचिव राकेश, आतमजीत सिंह एवं दीपक कबीर (कलम नाट्य संघ), वीरेन्द्र यादव (प्रगतिशील लेखक संघ), वंदना मिश्र (पी.यू.सी.एल.), रमेश दीक्षित, युगल किशोर (इप्टा), अनिल कुमार सिंह एवं विशाल श्रीवास्तव (जनवादी लेखक संघ), आफा़क (अवध पीपुल्स फोरम), शाह आलम (अयोध्या फिल्म सोसायटी), मो. तुफैल एवं युगल किशोर शरण शास्त्री (अयोध्या की आवाज़), आर. डी. आनन्द एवं रवि चतुर्वेदी (बीमा कर्मचारी संघ), नितिन मिश्रा (मूवमेन्ट फार राइट्स) अन्य साथियों के साथ उपस्थित रहेंगे।
शहर में इस प्रकार की साम्प्रदायिक गतिविधियों के विरुद्ध और सद्भावना के पक्ष में भारतीय जननाट्य संघ (इप्टा), भारतीय नौजवान सभा और अन्य सांस्कृतिक संस्थाओं ने 18 नवम्बर, दिन रविवार को दिन के दो बजे से गुलाबबाड़ी से गाँधी पार्क तक सद्भावना मार्च निकालने का निर्णय लिया है। यह मार्च चौक होते हुए गाँधी पार्क पहुंच कर समाप्त होगा।
इस शांति मार्च में मुख्य रूप से प्रो. रूपरेखा वर्मा (सांझी दुनिया), भारतीय जननाट्य संघ के महासचिव राकेश, आतमजीत सिंह एवं दीपक कबीर (कलम नाट्य संघ), वीरेन्द्र यादव (प्रगतिशील लेखक संघ), वंदना मिश्र (पी.यू.सी.एल.), रमेश दीक्षित, युगल किशोर (इप्टा), अनिल कुमार सिंह एवं विशाल श्रीवास्तव (जनवादी लेखक संघ), आफा़क (अवध पीपुल्स फोरम), शाह आलम (अयोध्या फिल्म सोसायटी), मो. तुफैल एवं युगल किशोर शरण शास्त्री (अयोध्या की आवाज़), आर. डी. आनन्द एवं रवि चतुर्वेदी (बीमा कर्मचारी संघ), नितिन मिश्रा (मूवमेन्ट फार राइट्स) अन्य साथियों के साथ उपस्थित रहेंगे।
फैज़ाबाद की सांस्कृतिक संस्थाओं, बुद्धिजीवियों, लेखकों, संस्कृतिकर्मियों एवं प्रबुद्ध नागरिकों से अपील है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस मार्च में भाग लेकर साम्प्रदायिकता के प्रति अपना विरोध दर्ज करें और सद्भावना मार्च को सफल बनावें।
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