'किस्सा कल्पनापुर का' नाटक की रिहर्सल |
उन्होंने शिविरार्थियों को लोकनृत्य, संगीत एवं नाटक की बारीकियां सिखाई। शिविर में लगभग 70 बच्चों द्वारा नाटक, नृत्य, जनगीत आदि का प्रशिक्षण प्राप्त किया गया है, जिनकी प्रस्तुति समापन समारोह के दौरान की जाएगी। 24 मई को समापन समारोह में मोहन सागर द्वारा तैयार कराए गए छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य ‘पंथी’ एवं ‘करमा’ की प्रस्तुति दी जाएगी, इसके बाद इप्टा छतरपुर द्वारा मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी पर आधारित नाट्य प्रस्तुति ‘‘बडे़ भाई साहब’’ का मंचन होगा, इसके निर्देशक देवेन्द्र अहिरवार, छतरपुर है।
'मूंछ' की रिहर्सल करते बच्चे |
इसी दिन रात्रि 8.30 बजे अशोकनगर इप्टा द्वारा ‘किस्सा कल्पनापुर का’ नाटक की प्रस्तुति भी दी जाएगी। समापन समारोह के दूसरे दिन 25 मई को भी शाम 7.30 बजे छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य ‘‘करमा’’ की प्रस्तुति होगी। साथ ही अशोकनगर इप्टा द्वारा ‘मूंछ’ नाटक की प्रस्तुत किया जाएगा। यह नाटक सृंजय की कहानी पर आधारित है जिसका नाट्य रूपांतरण मुकेश बिजौले एवं निर्देशन धीरज सोनी द्वारा किया गया। गीत हरिओम राजोरिया ने लिखे हैं।
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