- सीमा राजोरिया
बच्चों द्वारा कार्यक्रम के प्रारम्भ में जनगीतों की प्राभारी प्रस्तुति दी गयी , सबसे पहले गीतगार साहिर का गीत “ वह सुबह कभी तो आयेगी ... “ का गायन किया गया तथा दूसरे गीत ( सचिन साठे ) “ भगत सिंह तू ज़िंदा है ... “ का गायन बच्चों ने किया | इसके बाद लोक नृत्य की प्रस्तुति बच्चों ने दी |
बच्चों द्वारा फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी “ ठेस “ का प्रदर्शन आदित्य निर्मलकर के निर्देशन में किया गया | यह कहानी एक कलाकार के दुःख और उसके संवेदनात्मक भावजगत का जीवन्त चित्रण करती है | नाटक में संगीत , सेट और लाइट के प्रभाव उल्लेखनीय थे | संगीत और नृत्य के संयोजन ने नाटक की सम्प्रेषनीयता को बढाया | इस नाटक में अनुपम तिवारी , सौरव झा , रैना जैन , सलोनी शर्मा , रुपाली , ख़ुशी विश्वकर्मा , शिवानी शर्मा , संस्कार साहू , अजय शर्मा , दर्श दुबे , हर्ष चौबे , अनुष्का दुबे , संस्कार साहू , ओम साहू , यश साहू , नित्या माथुर , अर्पित समाधिया , आकाश श्रीवास्तव , दिनेश योगी , आयशा खान , कबीर राजोरिया आदि कलाकारों ने अभिनय किया | इसके बाद जब बच्चे दूसरे नृत्य की प्रस्तुति दे रहे थे तभी अचानक आई बरसात ने कार्यक्रम बाधित कर दिया पर दर्शकों ने बच्चों का उत्साह बढाया और लोगों के आग्रह पर गार्डन के हॉल में गद्दे बिछाए गए और बगैर ध्वनि और मंचीय प्रकाश के सामान्य प्रकाश में मुंशी प्रेमचंद की चर्चित कहानी पञ्च परमेश्वर का प्रदर्शन ऋषभ श्रीवास्तव के निर्देशन में किया गया | बरसात की वज़ह से अधूरे छूटे नृत्य का प्रदर्शन पुनः बच्चों ने किया | नृत्य संयोजन साक्षी मोरीवाल और ईवा भार्गव ने किया था | दूसरे नाटक में मेघा जैन ,आर्यन अरोरा, सुमित्रा रघुवंशी, कुश कुमार, ख़ुशी विश्वकर्मा, दिशा दुबे, आदित्य रघुवंशी, सोनाली, दीपाली ,सुन्दरम ,आदित्य रघुवंशी, दिव्यांश ,ध्रुव साहू ,देव विश्वकर्मा ,आकाश नरवरिया ,जयंत योगी आदि ने अपने अभिनय से जीवन्त बना दिया | देर रात तक खराव मौसम के वावजूद दर्शकों की भारी उपस्थिति ने शहर के नागरिकों ने संवेदनशीलता का परिचय दिया | कार्यक्रम वेहद सफल और यादगार रहा |
अशोकनगर | भारतीय जन नाट्य संघ ( इप्टा ) की अशोकनगर इकाई द्वारा तेरहवीं बाल एवं किशोर नाट्य कार्यशाला का समापन आयोजन संस्कृति गार्डन में किया गया | इस आयोजन का उदघाटन गुना से पधारे जाने माने पत्रकार अतुल लुम्बा ने माइक से उद्घाटन की घोषणा करके किया | इप्टा अपनी स्थापना के 75 वें वर्ष में प्रवेश कर रही है और शुरूआत में ही आज़ादी के आन्दोलन से लेकर आजतक चल रहे इस प्रगतिशील रंग आन्दोलन की भूमिका पर चित्रकार पंकज दीक्षित ने संक्षिप्त वक्तव्य दिया | बच्चों को सत्येन्द्र रघुवंशी और ज्ञानवर्धन मिश्रा ने भी संवोधित किया | इस उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता रंगकर्मी सीमा राजोरिया ने की | इस अवसर पर एक वृहद प्रदर्शनी संस्कृति गार्डन के सभागार में लगाई गयी थी जिसमें पिछली नाट्य कार्यशालाओं में हुईं नाट्य प्रस्तुतियों और बच्चों की रंग सक्रियता को चित्रों के माध्यम से सिलसिलेवार प्रस्तुत किया गया था | इस प्रदर्शनी का उद्घाटन ग्वालियर से आये ज्ञानवर्धन मिश्रा ने किया | 6 से 28 मई तक चली इस नाट्य कार्यशाला में 12 से 18 आयु वर्ग के 50 से अधिक बच्चों ने भागीदारी की |
बच्चों द्वारा कार्यक्रम के प्रारम्भ में जनगीतों की प्राभारी प्रस्तुति दी गयी , सबसे पहले गीतगार साहिर का गीत “ वह सुबह कभी तो आयेगी ... “ का गायन किया गया तथा दूसरे गीत ( सचिन साठे ) “ भगत सिंह तू ज़िंदा है ... “ का गायन बच्चों ने किया | इसके बाद लोक नृत्य की प्रस्तुति बच्चों ने दी |
बच्चों द्वारा फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी “ ठेस “ का प्रदर्शन आदित्य निर्मलकर के निर्देशन में किया गया | यह कहानी एक कलाकार के दुःख और उसके संवेदनात्मक भावजगत का जीवन्त चित्रण करती है | नाटक में संगीत , सेट और लाइट के प्रभाव उल्लेखनीय थे | संगीत और नृत्य के संयोजन ने नाटक की सम्प्रेषनीयता को बढाया | इस नाटक में अनुपम तिवारी , सौरव झा , रैना जैन , सलोनी शर्मा , रुपाली , ख़ुशी विश्वकर्मा , शिवानी शर्मा , संस्कार साहू , अजय शर्मा , दर्श दुबे , हर्ष चौबे , अनुष्का दुबे , संस्कार साहू , ओम साहू , यश साहू , नित्या माथुर , अर्पित समाधिया , आकाश श्रीवास्तव , दिनेश योगी , आयशा खान , कबीर राजोरिया आदि कलाकारों ने अभिनय किया | इसके बाद जब बच्चे दूसरे नृत्य की प्रस्तुति दे रहे थे तभी अचानक आई बरसात ने कार्यक्रम बाधित कर दिया पर दर्शकों ने बच्चों का उत्साह बढाया और लोगों के आग्रह पर गार्डन के हॉल में गद्दे बिछाए गए और बगैर ध्वनि और मंचीय प्रकाश के सामान्य प्रकाश में मुंशी प्रेमचंद की चर्चित कहानी पञ्च परमेश्वर का प्रदर्शन ऋषभ श्रीवास्तव के निर्देशन में किया गया | बरसात की वज़ह से अधूरे छूटे नृत्य का प्रदर्शन पुनः बच्चों ने किया | नृत्य संयोजन साक्षी मोरीवाल और ईवा भार्गव ने किया था | दूसरे नाटक में मेघा जैन ,आर्यन अरोरा, सुमित्रा रघुवंशी, कुश कुमार, ख़ुशी विश्वकर्मा, दिशा दुबे, आदित्य रघुवंशी, सोनाली, दीपाली ,सुन्दरम ,आदित्य रघुवंशी, दिव्यांश ,ध्रुव साहू ,देव विश्वकर्मा ,आकाश नरवरिया ,जयंत योगी आदि ने अपने अभिनय से जीवन्त बना दिया | देर रात तक खराव मौसम के वावजूद दर्शकों की भारी उपस्थिति ने शहर के नागरिकों ने संवेदनशीलता का परिचय दिया | कार्यक्रम वेहद सफल और यादगार रहा |
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