Monday, October 12, 2015

जबलपुर के मौसाजी पूर्वोत्तर से लौटे, दर्शकों ने कहा जैहिंद

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा नई दिल्ली के द्वारा आयोजित पूर्वोत्तर राष्ट्रीय रंग उत्सव 2015 में हिस्सा लेकर लौट आए हैं। विवेचना थियेटर ग्रुप के नाटक ’मौसाजी जैहिन्द’ का मंचन चार राज्यों के चार शहरों में उद्घाटन के अवसर पर हुआ।

विवेचना का कलाकार दल हिमांशु राय, वसंत काशीकर व बांकेबिहारी ब्यौहार के नेतृत्व में दिल्ली गया और 27 सितंबर को हवाईयात्रा कर बागडोगरा होते हुए गंगटोक पंहुचा। सिक्किम की राजधानी गंगटोक एक सुरम्य शहर है जो पहाड़ों पर बसा है। गंगटोक के ’मनन भवन’ में विवेचना थियेटर ग्रुप के नाटक ’मौसाजी जैहिन्द’ का पहला मंचन 28 सितंबर को हुआ। गंगटोक में प्रारंभ हुए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली के पूर्वाेत्तर राष्ट्रीय रंग उत्सव 2015 का उद्घाटन सिक्किम के राज्यपाल महामहिम श्रीनिवास पाटिल व सिक्किम के संस्कृति मंत्री श्री गुरंग ने किया। मौसाजी जैहिन्द की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए राज्यपाल महोदय ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया। इस अवसर पर एन एस डी सिक्किम के रंगमंडल के छात्र छात्राओं ने भी नाटक के बारे में विस्तार से चर्चा की। एन एस डी सिक्किम के प्रभारी श्री विपिन कुमार ने वसंत काशीकर के अभिनय व लेखन - निर्देशन के लिए तारीफ की।


सिक्किम के बाद विवेचना की टीम त्रिपुरा की राजधानी अगरतला पंहुची। अगरतला एक शांत और साफ सुथरा शहर है। अगरतला में रवीन्द्र भवन में नाटक का शो आयोजित किया गया। यहां भी नाट्य समारोह का उद्घाटन ’मौसाजी जैहिन्द’ से हुआ जिसमें अगरतला के मेयर, एन एस डी अगरतला के प्रभारी श्री विजय कुमार सिंह और त्रिपुरा के वरिष्ठ कलाकार शामिल हुए। नाटक के लिए बड़ी संख्या में दर्शक आए और नाटक को बहुत पसंद किया गया। नाट्य मंचन के दूसरे दिन वसंत काशीकर, हिमांशु राय बांकेबिहारी ब्यौहार व अनूप जोशी को एन एस डी अगरतला के प्रशिक्षण सेन्टर नजरूल कला केन्द्र में आमंत्रित किया गया जहां एन एस डी अगरतला के थियेटर इन एजुकेशन के छात्र छात्राओं ने ’मौसाजी जैहिन्द’ के निर्देशक वसंत काशीकर से बातचीत की और नाटक के बारे में सवाल किए। सभी छात्र छात्राएं नाटक से बहुत प्रभावित हुए।
अगरतला से नाट्य दल हवाई यात्रा कर गौहाटी पंहुचा जहां से बस द्वारा असम के शहर जोरहाट पंहुचा। जोरहाट में पूरे आसाम से एन एस डी के पूर्व छात्र छात्राएं एकत्रित हुए थे। यहां जोरहाट थियेटर नाम से एक कला संस्था पिछले 120 सालों से काम कर रही है। जोरहाट थियेटर का स्वयं का ऑडीटोरियम है जिसमें मंचन संपन्न हुआ। जोरहाट में नाट्यप्रेमियों से ऑडीटोरियम भरा हुआ था। समारोह का उद्घाटन जोरहाट के डी सी व एन एस डी के प्रोडक्शन कंट्रोलर श्री पराग शर्मा व असम के जाने माने अभिनेता श्री सैकिया ने किया। नाटक को बहुत पसंद किया गया और नाटक के अंत में सभी कलाकारों को सम्मानित किया गया। जोरहाट थियेटर के ऑडीटोरियम को बहुत कलात्मक तरीके से असम के कलाकारों ने सजाया था। 

जोरहाट, असम से विवेचना थियेटर ग्रुप की टीम मेघालय के शहर तूरा के लिए रवाना हुई। तूरा भी गंगटोक की तरह पूरी तरह पहाड़ियों में बसा है। यहां एक शानदार ऑडीटोरियम है। तूरा शिलांग के बाद दूसरा बड़ा शहर है। यहां के उत्सव का दायित्व पवित्र राहा और बेनथिंग की टीम ने सम्हाला हुआ था। यहां बड़ी संख्या में स्कूल कालेज के छात्र छात्राएं नाटक देखने आए। नाटक का मंचन बहुत सराहा गया। सभी कलाकारों का स्वागत मेघालय की परंपरा अनुसार किया गया।


चारों ही शहरों में बुंदेली हिन्दी नाटक ’मौसाजी जैहिन्द’ को समझने में कोई दिक्कत नहीं आई। कलाकारों ने इस यात्रा में चार पूर्वोत्तर राज्यों की चार अलग अलग संस्कृतियों का परिचय प्राप्त किया और इन राज्यों के कलाकारों से मित्रता हुई। विवेचना जबलपुर ने बुंदेलखंड की मधुर भाषा और लोकसंस्कृति व कथाकार उदयप्रकाश की कहानी को उत्तर पूर्व में पंहुचाया। कलाकार दल गौहाटी से दिल्ली हवाई यात्रा कर रेलयात्रा कर जबलपुर पंहुचा। नाट्य दल में वसंत काशीकर, श्रीमती शोभा उरकुडे, श्रिया श्रीवास्तव, अक्षय सिंह, चिन्टू स्वामी, सौरभ विश्वकर्मा, तरूण ठाकुर, आयुष राठौर, आशीष तिवारी, जतिन राठौर, शुभम जैन, अक्षय टेमले, रोहित सिंह, अनूप जोशी बंटी भोपाल नरेन्द्र सिंह भोपाल हिमांशु राय व बांकेबिहारी ब्यौहार शामिल थे।

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