डोंगरगढ़। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और डोंगरगढ़ इप्टा के सहयोग से विकल्प, डोंगरगढ़ द्वारा 3 दिवसीय 9 वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह का शुभारंभ स्थानीय बमलेश्वरी मंदिर प्रांगण में हुआ। आयोजन का उद्घाटन विख्यात हिंदी कवि पवन करण ने किया। इस अवसर पर उनके जनगीतों की एक पोस्टर प्रदर्शनी भी लगायी गयी। मनोज गुप्ता के संगीत निर्देशन में जनगीतों के सामूहिक गायन के पश्चात भिलाई इप्टा द्वारा नाटक ‘प्लेटफार्म’ और डोंगरगढ़ इप्टा द्वारा नाटक ‘बापू मुझे बचा लो’ का मंचन किया गया।
नाट्य समारोह का उद्घाटन करते हुए देश के चर्चित कवि पवन करण ने महोत्सव के आयोजन की बधाई देते हुए कला और समाज के अंतरसंबधों पर प्रकाश डाला। नाटक प्लेटफार्म रेलवे प्लेटफार्म पर विभिन्न पात्रों एवं घटनाओं का रोचक कोलाज है जो कई सामाजिक सवालों से भी रू-ब-रूहोता है। प्रस्तुति में नाटकीय तत्वों व घटनाओं की प्रधनता एवं अभिेनेताओं का सादगीपूर्ण प्रदर्शन इस प्रस्तुति की सार्थकता को दर्शकों तक सफलतापूर्वक संप्रेषित करती है। इस नाटक क ेलेखन व निर्देशन शरीफ अहमद ने किया था एवं राजेश श्रीवास्तव, मणिमय मुखर्जी, शैलेश कोडापे, निशु, संदीप आदि ने उल्लेखनीय अभिनय किया।
समारोह की दूसरी प्रस्तुति राधेश्याम तराने निर्देशित नाटक बापू मुझे बचा लो थी, जिसका आलेख दिनेश चौधरी ने लिखा है व संगीत निर्देशन मनोज गुप्ता है। नाटक भ्रष्टाचार रूपी त्रासदी को महात्मा गांधी के मेटाफर के साथ व्यंग्य और हास्य के मार्फत प्रस्तुत करते हुए सामाजिक -आर्थिक-राजनीतिक प्ररिस्थितियों को कठघरे में खड़ा करता है। नाटक का तीखा व्यंग्य एक तरफ जहाँ आलेख की खूबसूरती है, वहीं प्रेक्षकों और अभिनेताओं के ‘‘सेफ जोन’’ का अतिक्रमण भी। नाटक में मतीन अहमद, नुरूद्दीन जीवा, राजेश कश्यप, महेन्द्र रामटेके, निश्चय व्यास, दिनेश नामदेव, राधेकृष्ण कनौजिया, गुलाम नबी ने अभिनय किया।
उद्घाटन समारोह में सुभाष मिश्रा, संजय अलंग, जयप्रकाश, आनंद हर्षुल, योगेन्द्र चौबे और पुंजप्रकाश भी मौजूद थे।
नाट्य समारोह का उद्घाटन करते हुए देश के चर्चित कवि पवन करण ने महोत्सव के आयोजन की बधाई देते हुए कला और समाज के अंतरसंबधों पर प्रकाश डाला। नाटक प्लेटफार्म रेलवे प्लेटफार्म पर विभिन्न पात्रों एवं घटनाओं का रोचक कोलाज है जो कई सामाजिक सवालों से भी रू-ब-रूहोता है। प्रस्तुति में नाटकीय तत्वों व घटनाओं की प्रधनता एवं अभिेनेताओं का सादगीपूर्ण प्रदर्शन इस प्रस्तुति की सार्थकता को दर्शकों तक सफलतापूर्वक संप्रेषित करती है। इस नाटक क ेलेखन व निर्देशन शरीफ अहमद ने किया था एवं राजेश श्रीवास्तव, मणिमय मुखर्जी, शैलेश कोडापे, निशु, संदीप आदि ने उल्लेखनीय अभिनय किया।
समारोह की दूसरी प्रस्तुति राधेश्याम तराने निर्देशित नाटक बापू मुझे बचा लो थी, जिसका आलेख दिनेश चौधरी ने लिखा है व संगीत निर्देशन मनोज गुप्ता है। नाटक भ्रष्टाचार रूपी त्रासदी को महात्मा गांधी के मेटाफर के साथ व्यंग्य और हास्य के मार्फत प्रस्तुत करते हुए सामाजिक -आर्थिक-राजनीतिक प्ररिस्थितियों को कठघरे में खड़ा करता है। नाटक का तीखा व्यंग्य एक तरफ जहाँ आलेख की खूबसूरती है, वहीं प्रेक्षकों और अभिनेताओं के ‘‘सेफ जोन’’ का अतिक्रमण भी। नाटक में मतीन अहमद, नुरूद्दीन जीवा, राजेश कश्यप, महेन्द्र रामटेके, निश्चय व्यास, दिनेश नामदेव, राधेकृष्ण कनौजिया, गुलाम नबी ने अभिनय किया।
उद्घाटन समारोह में सुभाष मिश्रा, संजय अलंग, जयप्रकाश, आनंद हर्षुल, योगेन्द्र चौबे और पुंजप्रकाश भी मौजूद थे।
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