श्रीमती प्रेमलता राजपूत ने कहा की आज हिंदी नाटक कम लिखे जा रहे है, लेकिन हमें आधुनिक शैली का प्रयोग कर वर्तमान समस्यायों की अभिव्यक्ति नाटक के जरिये करनी चाहिये व उन्हें आम जनमानस तक पहंचाना चाहिये। सौरभ बंसल ने कहा की आज नाटक नहीं हो पा रहे है ये आज के समय की बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने नाट्य विधा को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को नाट्य प्रशिक्षण दिया और कहा की आगामी ग्रीष्म कालीन अवकाश पर 15 दिन की कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा जिससे बच्चों को नाट्य विधा का ज्ञान हो सके।
प्रशिक्षण मैं मुख्य रूप से राहुल बघेल, संदीप कुमार, मनीष, अरुण, आकाश, भीम, रजत, अंकित, शिखर, देवेश, भूपेंद्र, नीरज, अतुल, आकाश शाक्य, सचिन, अंकुर, हर्ष महरा, राहुल, जतिन, शीतल, अंशिका, निधि, मैना, नीशा, प्रिया, सुरेन्द्र, चंद्रभान आदि उपस्थित थे।
इससे पूर्व मथुरा " इप्टा " एवं स्वस्तिक रंगमंडल ने विश्व रंगमंच दिवस पर रंग पर्व का उत्सव होली और रंगमंच दिवस कार्यक्रम एक साथ मनाया। रंगमंच दिवस प्रोग्राम में इप्टा मथुरा के रंगकर्मी और निर्देशक देवेन्द्र पाल, सचिव सौरभ बंसल, साजन चतुर्वेदी, अनिल स्वामी तथा स्वस्तिक रंगमंडल के वरिष्ठ रंगकर्मी तथा निर्देशक संदीपन नागर, डॉ. अजय नागर, सी. पी. शर्मा, जगदीश भाटिया, आदि ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किये और रंगकर्मियों ने कविता व लतीफों के साथ हास- परिहास का वातावरण पैदा किया ।अन्य रंगकर्मियों मैं प्रमुख रूप से थे कन्हैया उपाध्याय, देवेश कुमार, नीतू, आशुतोष गर्ग, रूपकिशोर, सुभाष सैनी, राहुल आदि मौजूद थे।
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