इप्टा का 14 वाँ राष्ट्रीय सम्मेलन 2 से 4 अक्टूबर 2016 को मध्यप्रदेश के इंदौर नगर में आयोजित किया जायेगा। मुख्य आयोजन नगर के आनंद मोहन माथुर सभागार में संपन्न होगा, जिसमें देश भर से आने वांले प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इस आशय का निर्णय विगत दिनों लखनऊ में आयोजित इप्टा की राष्ट्रीय समिति के सचिव-मंडल की बैठक में लिया गया।
राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन सुविख्यात रंगकर्मी-अभिनेता गिरिश कर्नाड अथवा फिल्मकार आनंद पटवर्द्धन करेंगे। अंतिम निर्णय सम्मेलन की तारीखों में उनकी उपलब्धता के आधार पर लिया जा सकेगा। मुख्य अतिथि के रूप में सम्मेलन को संबोधित करने के लिये सुविख्यात इतिहासकार इरफान हबीब को आमंत्रित किया जा रहा है।
इप्टा का यह 14 वाँ सम्मेलन ‘प्रतिरोध और वैकल्पिक संस्कृति’ के मुख्य विषय पर केंद्रित होगा। सम्मेलन का प्रमुख ध्येय वर्तमान आर्थिक-सामाजिक और सांस्कृतिक-राजनीतिक परिदृश्य में देश के सांस्कृतिक मंच में इप्टा की उपस्थिति को प्रभावशाली ढंग से मजबूती के साथ खड़ा करना है।
उपर्युक्त ध्येय के साथ संगठन की रणनीति तैयार करने के लिये विस्तृत चर्चा के पहलु को ध्यान में रखते हुए सम्मेलन में प्रतिनिधियों की संख्या और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को एक सीमा तक प्रतिबंधित करने का विचार है। इसकी भरपाई वर्ष 2017 में इप्टा की हीरक जयंती को रेखांकित करने के लिये पटना में आयोजित किये जाने वांले विशेष सांस्कृतिक सम्मेलन में की जा सकेगी। इप्टा चूंकि अपनी स्थापना के 75 वें वर्ष की ओर अग्रसर है इसलिय 75 वी जंयती को यादगार बनाने के लिये विशेष आयोजन की तैयारियाँ अभी से प्रारंभ किये जाने का प्रस्ताव है।
इप्टा की राष्ट्रीय समिति के सचिव मंडल ने उक्त दोनों आयोजनों को सफल बनाने के लिये अपनी प्रादेशिक इकाइयों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हुए विविध तैयारियों में जुटने के साथ अपने प्रांतीय सम्मेलनों को भी पूर्ण कर लिये जाने का आह्वान किया है।
राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन सुविख्यात रंगकर्मी-अभिनेता गिरिश कर्नाड अथवा फिल्मकार आनंद पटवर्द्धन करेंगे। अंतिम निर्णय सम्मेलन की तारीखों में उनकी उपलब्धता के आधार पर लिया जा सकेगा। मुख्य अतिथि के रूप में सम्मेलन को संबोधित करने के लिये सुविख्यात इतिहासकार इरफान हबीब को आमंत्रित किया जा रहा है।
इप्टा का यह 14 वाँ सम्मेलन ‘प्रतिरोध और वैकल्पिक संस्कृति’ के मुख्य विषय पर केंद्रित होगा। सम्मेलन का प्रमुख ध्येय वर्तमान आर्थिक-सामाजिक और सांस्कृतिक-राजनीतिक परिदृश्य में देश के सांस्कृतिक मंच में इप्टा की उपस्थिति को प्रभावशाली ढंग से मजबूती के साथ खड़ा करना है।
आनंद मोहन माथुर सभागार, इंदौर |
इप्टा की राष्ट्रीय समिति के सचिव मंडल ने उक्त दोनों आयोजनों को सफल बनाने के लिये अपनी प्रादेशिक इकाइयों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हुए विविध तैयारियों में जुटने के साथ अपने प्रांतीय सम्मेलनों को भी पूर्ण कर लिये जाने का आह्वान किया है।
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