भारतीय जननाट्य संघ (इप्टा), बिहार भारत का फिल्म और टेलीविज़न संस्थान (Film
and Television Institute of India-FTII) के चेयरमैन पद पर गजेन्द्र चौहान की नियुक्ति के खिलाफ़ संस्थान के छात्रों के द्वारा चलाए जा रहें आंदोलन के साथ है. गजेन्द्र चौहान का सिनेमा, टेलीविज़न, कला-संस्कृति के क्षेत्र में कोई उल्लेखनीय योगदान अब तक सामने नहीं आया है. एन.डी.ए. सरकार ने यह नियुक्ति विशुद्ध राजनितिक कारणों से की है.
भारतीय सिनेमा के उत्थान में FTII का एक महत्वपूर्ण योगदान है. कई नामी-गिरामी फ़िल्मी हस्तियां इस संस्थान के छात्र रहें हैं. FTII के इतिहास में श्याम बेनेगल, अदूर गोपाल कृष्णन, गिरीश कर्नाड, यू.आर. अन्नतमूर्ति, सईद अख्तर मिर्ज़ा जैसे सिनेमा के दिग्गज, कला-मर्मज्ञ, चिंतक, लेखक, निर्देशक चैयरमेन के गरिमामयी पद पर रह चुके हैं. इस पद पर किसी ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति, जिसका सिनेमा व कला - संस्कृति के क्षेत्र में कोई उलेखनीय योगदान न हो, पद की गरिमा को कम करना है.
हाल के दिनों में एन.डी.ए. सरकार देश के प्रमुख संस्थानों में इस तरह की नियुक्ति एक खास विचारधारा को बढ़ावा देने लिए कर रही है. बिहार इप्टा ऐसे सभी प्रयासों का विरोध करती है.
ऐसे हालात में FTII के संघर्षशील छात्रों के साथ बिहार इप्टा खड़ी है और उनके आंदोलन को अपना नैतिक समर्थन देती है.
तनवीर अख्तर
महासचिव, बिहार इप्टा
मोबाइल: +91-9308745797; ई-मेल: biharipta47@gmail.com
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