इप्टा बिजनोर द्वारा प्रसिद्ध रंगकर्मी और इप्टा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ए०के० हंगल की स्मृति में रंग उत्सव का आयोजन दिनांक १८ मई २०१४ को स्थानीय किरण उत्सव मंडप में किया गया. कार्यक्रम के आरम्भ में बोलते हुए इप्टा के राष्ट्रीय सचिव श्री राकेश ने बाजारवाद और पूँजीवाद के खतरे से जनता को आगाह करते हुए कहा कि बाज़ार हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को नष्ट करने पर तुला हुआ है.
इस अवसर पर लखनऊ इप्टा ने प्रदीप घोष के निर्देशन में विजय कुमार लिखित नाटक "किस्सा अजनबी लाश का" का मंचन किया. नाटक के माध्यम से इंसानी ज़िन्दगी में राजनीति के अनैतिक दखल को दर्शाया गया है, जिसके कारण आदमी लालच में आकर झंडों में बाँट गया है और उसके जज़्बात मरते जा रहे हैं. नाटक में विपिन मिश्र, राजीव भटनागर, चंद्रभाश सिंह, धर्मेन्द्र उपाध्याय, नितीश प्रताप, अनुज मिश्र, सुन्दरम, देवाशीष मिश्र, पवन कटियार, वीरेंदर रस्तोगी, प्रदीप घोष, प्रणय दीक्षित तथा राधा सिंह ने अभिनय किया.
कार्यक्रम में दूसरी प्रस्तुति थी इप्टा बिजनोर द्वारा प्रेम साइमन लिखित नाटक "मुर्गीवाला", जिसका निर्देशन सौरभ श्रीवास्तव ने किया. इस नाटक के माध्यम से आम इंसान पर भ्रष्ट व्यवस्था द्वारा लगातार हो रहे हमलों को दर्शाया गया है. इस नाटक में फकीहा फरहीन, अभिकांत कुमार, के०के० पीपल, शान मोहम्मद, अनामिका, फिज़ा भाटिया, कपिल सैनी, अमन सक्सेना तथा अमित मिश्र ने अभिनय किया.
कार्यक्रम को सफल बनाने में इप्टा बिजनोर के मश्कुरुल हसनैन, अश्विनी चित्रांश, सौरभ राजवंशी, संजीव श्रीवास्तव, सोनल शर्मा, डॉ अनिल चौधरी, इकबाल अहमद आदि ने अपना योगदान दिया.
कार्यक्रम को सफल बनाने में इप्टा बिजनोर के मश्कुरुल हसनैन, अश्विनी चित्रांश, सौरभ राजवंशी, संजीव श्रीवास्तव, सोनल शर्मा, डॉ अनिल चौधरी, इकबाल अहमद आदि ने अपना योगदान दिया.
बिजनोर जैसे छोटे से ज़िले में हुए कार्यक्रम को राष्ट्रीय फलक पर प्रकाशित करने के लिए धन्यवाद! ऐसे ही छोटे-छोटे कार्यक्रम इप्टा की बड़ी पहचान बनाते हैं.
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