Friday, January 3, 2014

"संवेदनशील अभिनेता और सजग व्यक्तित्व के धनी थे फ़ारूख शेख"

पटना/29 दिसम्बर 2013 

"देश ने प्रतिभा संपन्न, संवेदनशील कलाकार और सजग राजनीतिक चेतना वाले व्यक्तित्व को खो दिया है. फ़ारूख़ शेख के असामयिक निधन से कला जगत स्तब्ध है और उनकी क्षति अपूरणीय है."

'इप्टा संहति 2013' के अवसर पर देश के विभिन्न कोने से पटना इप्टा से जुड़े रहे सदस्यों के जमावड़े ने फ़िल्म, टेलीविज़न और रंगमंच के अभिनेता फ़ारूख़ शेख के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उक्त बातें कहीं। पटना युवा आवास में आयोजित शोक सभा में इप्टाकर्मियों ने फ़ारूख शेख को याद किया। फ़ारूख के साथ लखनऊ में हुए विस्तृत भेंट की चर्चा करते हुए पटना इप्टा के कार्यकारी अध्यक्ष तनवीर अख्तर ने कहा कि फ़ारूख ने भेंट के दौरान यह बताया था कि उन्हें इप्टा आंदोलन से प्यार है और इप्टा से देश को संस्कृतिकर्म में सक्रिय हस्तक्षेप की अपेक्षा है. एम० एफ० हुसैन की जीवनी पर तैयार पटना इप्टा की प्रस्तुति को ना सिर्फ़ उन्होंने सराहा बल्कि एक रचनात्मक उपलब्धि भी कहा. श्री अख्तर ने 'गर्म हवा' में उनके अभिनय की चर्चा करते हुए कहा कि पहली ही फ़िल्म से फ़ारूख ने गंभीर अभिनय की जो शुरुआत की उसे पूरी ज़िन्दगी निभाया।

उपाध्यक्ष फीरोज़ अशरफ़ खां ने रंगमंच में फ़ारूख शेख़ की दखल की चर्चा करते हुए शबाना आज़मी के साथ अभिनीत नाटक "तुम्हारी अमृता" का उल्लेख किया और कहा कि फ़ारूख ने रंगमंच को कभी भी सेलिब्रिटी के शौक के रूप में नहीं लिया बल्कि पूरी गंभीरता एवं समर्पण के साथ प्रस्तुत किया. वरिष्ठ इप्टाकर्मी श्रीकांत ने अस्सी के दशक की फ़ारूख और दीप्ति नवल की हिट जोड़ी को याद किया और कहा कि उनका ना होना एक बार फिर से सार्थक सिनेमा और सिनेमा जनसरोकार पर विमर्श का स्पेस बनाता है.
 
इस अवसर पर सुबोध कुमार, राजेश कुमार, सुनील किशोर, उषा वर्मा, सीताराम सिंह, आदि ने अपनी बातें रखी और एक महान कलाकार को याद किया।

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