एक ऐसे नाजुक दौर मे जब छत्तीसगढ़ का युवा या तो कम्पयूटर नेट वर्क की सोशल साइट्स में उलझा हो या रंगमंच को सिर्फ अभिनय के रूप में फिल्मों में जाने की सीढ़ी मानता हो उन्हें भिलाई इप्टा की तीसरी अंतर महाविद्यालयीन नाट्य स्पर्धा ने वैचारिक रूप से रंगमंच से जोड़ने का काम किया।इप्टा भिलाई द्वारा 30 सितम्बर और 1 अक्टूबर 2013 को आयोजित इस प्रतियोगिता में दुर्ग-भिलाई के कुल 14 महाविद्यालयों के 186 छात्र छात्राओं ने भाग लिया। पहले दिन कुल छः तथा दूसरे दिन आठ नाटकों के मंचन हुये. सामायिक विषयों पर खास कर महिला उत्पीडन,महिला सशक्तिकरण,धार्मिक उन्माद,पर्यावरण विषयों पर केन्द्रित नाटक स्पर्धा की विशेषता थी।
बलराज साहनी की स्मृति में घोषित प्रथम पुरस्कार(पाँच हजार रु.और स्मृति चिन्ह ) मनसा कालेज ऑफ़ एजुकेशन के नाटक "दिल्ली से डर लगता है"को.कैफ़ी आज़मी की स्मृति में घोषित द्वितीय पुरस्कार(तीन हजार रु. और स्मृति चिन्ह ) गवर्मेंट पी.जी. कालेज दुर्ग के नाटक "धरम की जय हो"को तथा हबीब तनवीर की स्मृति में घोषित तृतीय पुरस्कार(दो हजार रु. और स्मृति चिन्ह) कल्याण कालेज भिलाई के नाटक "पागल खाना" को प्राप्त हुआ। शासकीय महाविद्यालय उतई के नाटक "आधी आबादी का हिस्सा" तथा स्वामी स्वरूपा नन्द कालेज के नाटक "हम हैं उत्तराखंड" को ए के हंगल की स्मृति विशेष सान्त्वना पुरष्कार(स्मृति चिन्ह) दिया गया। सर्वश्रेठ अभिनेत्री प्रथम मीरा शुक्ला (दिल्ली से डर लगता है),द्वितीय अर्चना ध्रुव (पागल खाना),तृतीय आरती सूर्यवंशी (धरम की जय हो )को तथा सर्वश्रेठ अभिनेता प्रथम भाविक रूपड़ा (पागल खाना),द्वितीय दिलेश्वर साहू (धरम की जय हो ),तृतीय किशन सिन्हा (गोविन्द सिंह की डायरी ) को तथा अदिति खरे(पागल खाना) एवं एम कार्तिक राव (गोविन्द सिंह की डायरी ) को क्रमशः सर्वश्रेठ चरित्र अभिनेत्री एवं चरित्र अभिनेता के पुरस्कार प्रदान किये गए।
प्रतियोगिता का उदघाटन छत्तीसगढ़ इप्टा के अध्यक्ष मधुकर गोरख (बिलासपुर) ने किया छत्तीसगढ़ इप्टा के सचिव मंडल के सदस्य अजय आठले (रायगढ़) छत्तीसगढ़ इप्टा के उपाध्यक्ष मिन्हाज असद (रायपुर) प्रसिद्द गायक प्रभंजय चतुर्वेदी इस अवसर पर उपस्थित थे। श्री मधुकर गोरख, अजय आठले और सुचित मुखर्जी इस प्रतियोगिता के निर्णायक भी थे। समापन समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय इप्टा के उपाध्यक्ष श्री अंजन श्रीवास्तव थे। इस अवसर पर मुंबई इप्टा के निर्देशक रमेश तलवार,अवतार गिल भी उपस्थित थे।
कुछ समय से रंगमंच के प्रति युवाओं में अरुचि स्पष्ट नजर आ रही थी एसे समय में इप्टा भिलाई के इस आयोजन ने युवाओं में नई स्फूर्ति प्रदान की।
कुछ समय से रंगमंच के प्रति युवाओं में अरुचि स्पष्ट नजर आ रही थी एसे समय में इप्टा भिलाई के इस आयोजन ने युवाओं में नई स्फूर्ति प्रदान की।
बलराज साहनी की स्मृति में घोषित प्रथम पुरस्कार(पाँच हजार रु.और स्मृति चिन्ह ) मनसा कालेज ऑफ़ एजुकेशन के नाटक "दिल्ली से डर लगता है"को.कैफ़ी आज़मी की स्मृति में घोषित द्वितीय पुरस्कार(तीन हजार रु. और स्मृति चिन्ह ) गवर्मेंट पी.जी. कालेज दुर्ग के नाटक "धरम की जय हो"को तथा हबीब तनवीर की स्मृति में घोषित तृतीय पुरस्कार(दो हजार रु. और स्मृति चिन्ह) कल्याण कालेज भिलाई के नाटक "पागल खाना" को प्राप्त हुआ। शासकीय महाविद्यालय उतई के नाटक "आधी आबादी का हिस्सा" तथा स्वामी स्वरूपा नन्द कालेज के नाटक "हम हैं उत्तराखंड" को ए के हंगल की स्मृति विशेष सान्त्वना पुरष्कार(स्मृति चिन्ह) दिया गया। सर्वश्रेठ अभिनेत्री प्रथम मीरा शुक्ला (दिल्ली से डर लगता है),द्वितीय अर्चना ध्रुव (पागल खाना),तृतीय आरती सूर्यवंशी (धरम की जय हो )को तथा सर्वश्रेठ अभिनेता प्रथम भाविक रूपड़ा (पागल खाना),द्वितीय दिलेश्वर साहू (धरम की जय हो ),तृतीय किशन सिन्हा (गोविन्द सिंह की डायरी ) को तथा अदिति खरे(पागल खाना) एवं एम कार्तिक राव (गोविन्द सिंह की डायरी ) को क्रमशः सर्वश्रेठ चरित्र अभिनेत्री एवं चरित्र अभिनेता के पुरस्कार प्रदान किये गए।
इप्टा भिलाई ,सहयोगी संस्था भगत सिंह जन्म स्मृति समारोह समिति तथा भिलाई इस्पात संयंत्र के सहयोग से भगत सिंह और महात्मा गाँधी जन्म दिवस पर आयोजित पाँच दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत 28 सितम्बर 20 3 को पवार हाउस पर भगत सिंह की मूर्ति के अनावरण से हुई। मूर्ति का अनावरण पदमश्री नेल्सन ने किया। 29 सितम्बर को कुल 116 युवाओं ने रक्त दान किया शाम को सिविक सेंटर में विशाल मशाल रैली निकाली गई। 30 सित. एवं 1 अक्टूबर को शानदार तृतीय अंतर महाविद्यालयीन नाट्य स्पर्धा तथा 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती के अवसर पर "भगत सिंह-महात्मा गाँधी और भारत का विचार" विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया आधार वक्तव्य शैलेन्द्र (झारखण्ड) का था मुख्य वक्ता अपूर्वानंद (दिल्ली) थे अध्यक्षता कनक तिवारी(छत्तीसगढ़ ) ने की।
शाम को नेहरु सांस्कृतिक भवन में ही रमेश तलवार के निर्देशन मे इप्टा मुंबई के दो लघु नाटक "सरहद पर एक घटना" तथा अशफाक उल्लाह पर आधारित "हम दीवाने हम परवाने"के मंचन किये गये। नाटक के पूर्व कुलदीप सिंह और साथियों द्वारा जनगीत तथा नाटक मंचन के पशचात राजस्थान के सूफी गायक मीर मुख्तयार अली ने देर रात तक कबीर तथा सूफी गायन प्रस्तुत कर कार्यक्रम में शमा बांधा। भगत सिंह पर केन्द्रित इप्टा भिलाई का यह आयोजन भविष्य में युवाओं को इप्टा तथा रंगमंच से जोड़ने में मील का पत्थर साबित होगा।
राजेश श्रीवास्तव
महा सचिव (छत्तीसगढ़ इप्टा)
महा सचिव (छत्तीसगढ़ इप्टा)
No comments:
Post a Comment