. सारिका श्रीवास्तव
इंदौर, 14 जून 2016, मंगलवार, इंदौर (म.प्र.)। हर वर्ष की तरह इस साल भी श्रमिक क्षेत्र में 6 मई 2016 से भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) की ग्रीष्मकालीन कार्यशाला आयोजित की गई। 6 मई से 6 जून तक निरंतर चली कार्यशाला में करीब 40 बच्चों ने शिरकत की।
इस कार्यशाला में योग, संगीत और नाट्य विद्या से जुड़े विविध व्यायाम, जेस्चर-पोस्चर, मिरर, पिरामिड, कोलाज बनाना, किसी विषय पर छोटे-छोटे नाटक बनाना, एकल अभिनय और जनगीत का रियाज बच्चों को शिक्षाप्रद के साथ-साथ मनोरंजक भी लगता था। इस बार शिविर लगाने की जगह की भी समस्या खड़ी हो गई। बस्ती का ही एक सरकारी मिडिल स्कूल जो पहले इस गतिविधि के लिए आसानी से मिल जाता था, इस बार स्थानीय नेतागिरी के चलते वो नहीं मिल पाया। वैकल्पिक जगह एक निजी व्यायामशाला थी जिसकी दीवार से देशी शराब की दुकान भी लगी हुई थी। बच्चों के लिए खासकर लड़कियों के लिए वो काफी मुश्किल जगह थी। लेकिन अंत तक कुछ दुर्घटना नहीं हुई। इससे संख्या में कमी आई। तमाम विषम परिस्थितियों का सामना करते ये नन्हें कलाकार डटे रहे और इसे बंद नहीं होने दिया। इस बार की कार्यशाला का अधिकांश दारोमदार पुराने बच्चों ने ही संभाला। महिमा, पूजा, राज, मुस्कान, नेहा, साक्षी और नीपाजी का विषेष सहयोग रहा और कार्यशाला अच्छे से चल सकी।
बच्चों के प्रिय मोगली, लालबुझक्कड़, शेखचिल्ली, मुल्ला नसरुद्दीन के साथ-साथ बच्चों के खेलने की जगह पर हो रहे कब्जे, शिक्षा व्यवस्था, किसानों और बच्चों में पढ़ाई और कैरियर को लेकर लगातार बढ़ती आत्महत्याएँ, महिलाओं पर लगातार बढ़ती हिंसात्मक घटनाएं, गरीबी, भुखमरी, कुपोषण, मंहगाई, पर्यावरण प्रदूषण इत्यादि पर अनेक कहानियाँ और चर्चाओं के बाद रोज ही इन विषयों पर एक नई स्क्रिप्ट और अपनी-अपनी टीम के साथ हर रोज एक नया नाटक रहता।
इस बीच में ही इन बच्चों की हौसलाफजाई करने कॅामरेड जया मेहता, पेरिन दाजी, विनीत तिवारी, नितिन बेदरकर, प्रमोद बागड़ी, सागर प्रगतिशील लेखक संघ से दीपा भट्ट, इप्टा इंदौर अध्यक्ष विजय दलाल, आयुष तिवारी, आशी तिवारी भी शरीक हुए। कॉमरेड चुन्नीलाल वाधवानी के सौजन्य से प्रोजेक्टर से ‘‘जंगल बुक’’ और ‘‘कुंगफू पांडा’’ फिल्मों का भी बच्चों ने आनंद लिया।
बच्चों ने कव्वाली, जनगीत और कुछ छोटे-छोटे नाटकों की प्रस्तुति दी। शशिभूषण ने ‘‘शिकारी आता है जाल फैलाता है हमें इस जाल में नहीं फंसना चाहिए’’ की बहेलिया और तोतों की कहानी के जरिए बच्चों को समझाया कि पढ़ाई केवल रटने से नहीं होती, हमें सोच-समझकर उसका अपनी जिंदगी में अर्थ समझना चाहिए तथा बाज़ार और धर्म के जाल में फँसने के बजाय मानवीय मूल्यों और विवेक व तर्क को अपनाना चाहिए। कॅामरेड विजय दलाल और कॅामरेड विनीत तिवारी ने गीत सुनाये। कार्यक्रम के अंत में भागीदार बच्चों को प्रमाणपत्र का वितरण किया गया।
इंदौर, 14 जून 2016, मंगलवार, इंदौर (म.प्र.)। हर वर्ष की तरह इस साल भी श्रमिक क्षेत्र में 6 मई 2016 से भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) की ग्रीष्मकालीन कार्यशाला आयोजित की गई। 6 मई से 6 जून तक निरंतर चली कार्यशाला में करीब 40 बच्चों ने शिरकत की।
इस कार्यशाला में योग, संगीत और नाट्य विद्या से जुड़े विविध व्यायाम, जेस्चर-पोस्चर, मिरर, पिरामिड, कोलाज बनाना, किसी विषय पर छोटे-छोटे नाटक बनाना, एकल अभिनय और जनगीत का रियाज बच्चों को शिक्षाप्रद के साथ-साथ मनोरंजक भी लगता था। इस बार शिविर लगाने की जगह की भी समस्या खड़ी हो गई। बस्ती का ही एक सरकारी मिडिल स्कूल जो पहले इस गतिविधि के लिए आसानी से मिल जाता था, इस बार स्थानीय नेतागिरी के चलते वो नहीं मिल पाया। वैकल्पिक जगह एक निजी व्यायामशाला थी जिसकी दीवार से देशी शराब की दुकान भी लगी हुई थी। बच्चों के लिए खासकर लड़कियों के लिए वो काफी मुश्किल जगह थी। लेकिन अंत तक कुछ दुर्घटना नहीं हुई। इससे संख्या में कमी आई। तमाम विषम परिस्थितियों का सामना करते ये नन्हें कलाकार डटे रहे और इसे बंद नहीं होने दिया। इस बार की कार्यशाला का अधिकांश दारोमदार पुराने बच्चों ने ही संभाला। महिमा, पूजा, राज, मुस्कान, नेहा, साक्षी और नीपाजी का विषेष सहयोग रहा और कार्यशाला अच्छे से चल सकी।
बच्चों के प्रिय मोगली, लालबुझक्कड़, शेखचिल्ली, मुल्ला नसरुद्दीन के साथ-साथ बच्चों के खेलने की जगह पर हो रहे कब्जे, शिक्षा व्यवस्था, किसानों और बच्चों में पढ़ाई और कैरियर को लेकर लगातार बढ़ती आत्महत्याएँ, महिलाओं पर लगातार बढ़ती हिंसात्मक घटनाएं, गरीबी, भुखमरी, कुपोषण, मंहगाई, पर्यावरण प्रदूषण इत्यादि पर अनेक कहानियाँ और चर्चाओं के बाद रोज ही इन विषयों पर एक नई स्क्रिप्ट और अपनी-अपनी टीम के साथ हर रोज एक नया नाटक रहता।
इस बीच में ही इन बच्चों की हौसलाफजाई करने कॅामरेड जया मेहता, पेरिन दाजी, विनीत तिवारी, नितिन बेदरकर, प्रमोद बागड़ी, सागर प्रगतिशील लेखक संघ से दीपा भट्ट, इप्टा इंदौर अध्यक्ष विजय दलाल, आयुष तिवारी, आशी तिवारी भी शरीक हुए। कॉमरेड चुन्नीलाल वाधवानी के सौजन्य से प्रोजेक्टर से ‘‘जंगल बुक’’ और ‘‘कुंगफू पांडा’’ फिल्मों का भी बच्चों ने आनंद लिया।
14 जून 2014 को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यालय में इप्टा की इस कार्यशाला का समापन किया जिसमें विशेष रूप से शरीक होने उज्जैन से प्रगतिशील लेखक संघ के साहित्यकार साथी शशिभूषण, कविता और उनकी नन्हीं बिटिया भी शामिल हुईं। सीपीआई जिला सचिव रुद्रपाल यादव, ओमप्रकाष खटके, भारत सिंह, चुन्नीलाल वाधवानी, एस.के. दुबे, बुलढाना महाराष्ट्र के साथी प्रशांत, इप्टा के साथी जया मेहता, विजय दलाल, सचिव अषोक दुबे, विनीत तिवारी, नेहा दुबे, नितिन बेदरकर, आमिर खान, महिमा, पूजा, राज, साक्षी, मुस्कान, अंशुल, निशांत, कार्तिक, कार्तिक तिवारी, अनुराधा तिवारी, आस्था तिवारी, आकांक्षा, काव्य, पूजा, शारदा बहन, सौरभ, रितिका, दीपिका और सारिका श्रीवास्तव भी इस समापन में उपस्थित रहे।
बच्चों ने कव्वाली, जनगीत और कुछ छोटे-छोटे नाटकों की प्रस्तुति दी। शशिभूषण ने ‘‘शिकारी आता है जाल फैलाता है हमें इस जाल में नहीं फंसना चाहिए’’ की बहेलिया और तोतों की कहानी के जरिए बच्चों को समझाया कि पढ़ाई केवल रटने से नहीं होती, हमें सोच-समझकर उसका अपनी जिंदगी में अर्थ समझना चाहिए तथा बाज़ार और धर्म के जाल में फँसने के बजाय मानवीय मूल्यों और विवेक व तर्क को अपनाना चाहिए। कॅामरेड विजय दलाल और कॅामरेड विनीत तिवारी ने गीत सुनाये। कार्यक्रम के अंत में भागीदार बच्चों को प्रमाणपत्र का वितरण किया गया।
बहुत अच्छा प्रयास, इसी प्रकार लगे रहें ,रास्ते निकलेंगे ही ,बहुत बधाई पूरी टीम को ।
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