-विजय शर्मा
13 सितंबर, आगरा। डॉ जितेंद्र रघुवंशी के पैंसठवें जन्मदिवस पर यहां एक किताब का विमोचन किया गया, जिसका नाम है 'शब्द रहेंगे साक्षी जितेंन्द्र रघुवंशी'। जे पी सभागार खंदारी में मशहूर लेखिका और वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी नूर ज़हीर इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश जी और बिमटेक् के निर्देशक डॉ हरिवंश चतुर्वेदी ने किताब का विमोचन किया।इस अवसर पर नूर ज़हीर ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज में हालात मुश्किल कब नहीं थें, 1921 में, 1936 में , 1947 में लेकिन फिर भी आंदोलन ज़िंदा रहा, जब तक न्याय नहीं मिलता, बराबरी नहीं मिलती और तब तक आंदोलन चलता रहेगा। नूर ज़हीर ने डॉ़ रघुवंशी को याद करते हुए अंधविश्वास पर रोक लगाने की भी बात कही।
डॉ़ हरिवंश चतुर्वेदी ने जितेंद्र जी को स्मरण करते हुए उनके विचारों को विस्तार करने के लिए सूचना प्रोद्योगिकी का प्रयोग करने पर बल दिया। ड़ॉ चतुर्वेदी ने कहा कि पारम्परिक माध्यमों की अपनी एक सीमा है, यदि अपने प्रगतिशील विचारों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं तो हमें सोशल मीडिया के माध्यमों का भी प्रयोग करना चाहिए।
इस मौके पर डॉ विजय शर्मा ने सभा में उपस्थित लोगों को अवगत कराया कि कि श्री रघुवंशी की किताब 'शब्द रहेंगे साक्षी जितेंद्र रघुवंशी' को जल्द ही ब्लॉग की शक्ल भी दी जाएगी। वरिष्ठ पत्रकार श्री विभांशु दिव्याल ने भावुक होते हुए श्री रघुवंशी के व्यवहार की गर्मजोशी को याद किया। इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव श्री राकेश ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम सभी कॉमरेड रघुवंशी के काम को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध हैं और समाज को प्रगतिशील बनाने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
किताब का विमोचन एवम् व्याख्यान का आयोजन जितेन्द्र जी के मित्र सहकर्मी और परिजनों की ओर से किया गया। इस मौके पर जितेन्द्र जी द्वारा लिखा गीत "बिखरने दो पंखुरियाँ प्यार की" आकांशी खन्ना ने भानु प्रताप के तबले की संगत पर गाया।छोटे छोटे बच्चों ने उनकी तस्वीर पर पुष्प गुच्छ अर्पित किया । इलाहाबाद से आये समानांतर संस्था के अनिल रंजन भौमिक जी एवं अशोक नगर इप्टा से पंकज दीक्षित जी एवं बिमल शर्मा व उरई से डॉ नईम का स्वागत दिलीप रघुवंशी डॉ मनुुकांत शास्त्री प्रमोद राणा नीतू दीक्षित विशाल रियाज़ मीतेन रघुवंशी डॉ ज्योत्स्ना रघुवंशी ने किया ।
इस मौके पर जितेन्द्र रघुवंशी के पुत्र मानस और पुत्री सौम्या ने ज़िंदगीनामा का पाठ किया, बहन डॉ ज्योत्स्ना रघुवंशी ने कहानी पढ़ी, किताब के बारे में संयोजक नवाब उददीन ने बताया। सञ्चालन किया डॉ विजय शर्मा ने । कार्यक्रम की अध्यक्षता की राकेश जी ने । समारोह के अंत में प्रमोद सारस्वत और भावना रघुवंशी ने धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में डॉ जवाहर सिंह धाकरे कॉमरेड रमेश मिश्र ओम ठाकुर डॉ जे एन टंडन कॉमरेड भारत सिंह हिमांशु कटारा राजवीर सिंह राठौर डॉ शशि तिवारी चौधरी बदन सिंह डॉ सरोज भार्गव अमीर अहमद जी डॉ रेखा पतसरिया विनय पतसरिया गिरीश अश्क़ किशोर चतुर्वेदी उमेश अमल विश्वनिधि मिश्र उमाशंकर मिश्र बसंत रावत अनिल जैन चंद्रशेखर दीपक जैन फ़राज़ अहमद यथार्थ अग्निहोत्री सफ़िया ज़मीर आदि मौजूद थे
कामरेड जितेंद्र रघुवंशी जी के साथ आगरा - भाकपा में कार्य करने व उनसे तथा उनके माता जी -पिताजी से सीखने के अवसर मुझे भी प्राप्त हुये हैं। वैचारिक रूप से वह अब भी हम लोगों के बीच मौजूद हैं। यह पुस्तक भी ऐसा ही संदेश देती है।
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