प्रेमचंद जयंती समारोह के तहत इप्टा की पलामू इकाई ने लघु कथाओं के पाठ का आयोजन किया । जिसमे जिले के कई साहित्यकारों व लेखको ने हिस्सा लिया । तमाम लोगो ने अपनी स्वरचित लघु कथा सुनाकर उपस्थित श्रोताओं को सोचने पर विवश कर दिया । समाज को आईना दिखाता हुआ और वर्तमान राजनितिक-सामाजिक मुद्दों पर आधारित चंद शब्दों में अभिव्यक्ति की गयी कहानियों को काफी सराहा गया । इस मौके पर लोगो ने यह भी चर्चा किया की आखिर कहानियाँ क्यों पढ़ी जाये । वहीँ कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद और उनकी कहानियों को याद करते हुए तमाम लोगो ने इस बात को सिददत से महसूस किया की वर्त्तमान समय में प्रासंगिक कहानी और लघुकथाओं का लिखा जाना और पढ़ा जाना बेहद जरुरी है । लघु कथाएं पाठको को सोचने पर विवश करती है और यही एक लेखक की सफलता है ।
इस अवसर पर उर्दू के अमनपसंद शायर मिर्ज़ा खलील बेग ने शायराना अंदाज़ में लघु कथा का पाठ किया। अमन चक्र ने अपनी कहानी साक्षर और जीवन बनाम मृत्यु का पाठ किया। चन्दन ने बेटी बचाओ शीर्षक से कहानी सुनाई। वरिष्ठ साहित्यकार हरिवंश प्रभात ने आदमी और पशु व रक्षाबंधन नामक कहानी पढ़कर सुनाया। वरिष्ठ लेखक श्रीधर जी ने बूढ़ा भिखारी और उमेश कुमार पाठक रेणु ने असली पुरस्कार शीर्षक से कहनियों का पाठ किया। इसके अलावे प्रो के डी झा और उपेंद्र मिश्र ने भी कई लघु कथा सुनाएं।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए साहित्यकार प्रो डॉ कुमार वीरेंद्र ने कहा की पहले कहानियाँ पढ़ी जाती थी, अब समझी और समझाई जाती है. लघु कथाओं के पाठ का आयोजन सराहनीय प्रयास है। इससे लिखने वालों का मनोबल बढ़ेगा और कहानियाँ लिखी जाती रहेंगी। कार्यक्रम की अद्यक्षता प्रेम भसीन ने किया।
इस आयेजन के बारे में बताते हुए इप्टा के महासचिव उपेंद्र मिश्र ने कहा की कार्यक्रम दूसरी कड़ी में 24 जलाई को प्रेमचंद की कहानी ठाकुर का कुआं का पाठ और 31 जुलाई प्रेमचंद जयंती के दिन बृहद विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया है ।
मौके पर ललन कुमार, शब्बीर अहमद, नुदरत नवाज, गणेश रवि, अजित, दिनेश, भूपेश, शशि पांडेय समेत अन्य लोग बतौर श्रोता उपस्थित थे।
इस अवसर पर उर्दू के अमनपसंद शायर मिर्ज़ा खलील बेग ने शायराना अंदाज़ में लघु कथा का पाठ किया। अमन चक्र ने अपनी कहानी साक्षर और जीवन बनाम मृत्यु का पाठ किया। चन्दन ने बेटी बचाओ शीर्षक से कहानी सुनाई। वरिष्ठ साहित्यकार हरिवंश प्रभात ने आदमी और पशु व रक्षाबंधन नामक कहानी पढ़कर सुनाया। वरिष्ठ लेखक श्रीधर जी ने बूढ़ा भिखारी और उमेश कुमार पाठक रेणु ने असली पुरस्कार शीर्षक से कहनियों का पाठ किया। इसके अलावे प्रो के डी झा और उपेंद्र मिश्र ने भी कई लघु कथा सुनाएं।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए साहित्यकार प्रो डॉ कुमार वीरेंद्र ने कहा की पहले कहानियाँ पढ़ी जाती थी, अब समझी और समझाई जाती है. लघु कथाओं के पाठ का आयोजन सराहनीय प्रयास है। इससे लिखने वालों का मनोबल बढ़ेगा और कहानियाँ लिखी जाती रहेंगी। कार्यक्रम की अद्यक्षता प्रेम भसीन ने किया।
इस आयेजन के बारे में बताते हुए इप्टा के महासचिव उपेंद्र मिश्र ने कहा की कार्यक्रम दूसरी कड़ी में 24 जलाई को प्रेमचंद की कहानी ठाकुर का कुआं का पाठ और 31 जुलाई प्रेमचंद जयंती के दिन बृहद विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया है ।
मौके पर ललन कुमार, शब्बीर अहमद, नुदरत नवाज, गणेश रवि, अजित, दिनेश, भूपेश, शशि पांडेय समेत अन्य लोग बतौर श्रोता उपस्थित थे।
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