Tuesday, June 11, 2013

लिटिल इप्टा आगरा का ग्रीष्मकालीन शिविर समाप्त

गरा। 'वो सुबह कभी तो आयेगी' के आह्वान के साथ रविवार को सूरसदन में 38वें लिटिल इप्टा शिविर का समापन हुआ। समारोह में जनगीत, शास्त्रीय, लोक व समकालीन, नृत्य, नाटक, बालनाटिकाओं का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में बच्चों को पुरस्कृत करके उनका उत्साहवर्धन किया।

सूरसदन बेसमेंट में हुए कार्यक्रम की शुरुआत समूह गीतों से हुई। प्रतिभागियों ने उद्धव कुमार की रचना, ‘आओ कलाकार गाएं जीवन के गान, जाने वाले सिपाही से, अब मचल उठा है दरिया’ आदि गीत गाए। जावेद अख्तर की रचना, ‘जब सपने सच हो जाएंगे, जब झूम के सब दिल गाएंगे, वो दिन आएगा’ पर कंटेंपरेरी डांस किया। मोर बन आयो रसिया... गीत पर मयूर नृत्य और उसके बाद फूलों की होली हुई।

बाल नाटिका‘ बिल्ली मौसी’ ने लालच बुरी बला है का पाठ पढ़ाया। शोध छात्रा नेहा शर्मा की स्मृति में मूक अभिनय ‘यू आर नॉट अलोन’ की प्रस्तुति भी हुई। रघुवंशी स्कूल ऑफ एक्टिंग के कलाकारों ने अपने मूक अभिनय से सबको झकझोर कर रख दिया। लिटिल इप्टा के ग्रीष्मकालीन शिविर का रविवार को समापन हुआ।

कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानी सरोज गौरिहार, लिटिल इप्टा अध्यक्ष एमएल गुप्ता, श्रमिक नेता रमेश मिश्रा, वरिष्ठ प्रकाशक रवि अग्रवाल आदि ने इप्टा के सात दशक लंबे अवदान की सराहना की। वहीं बच्चों, किशोरों को सुसंस्कृत करने के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर अवध बिहारी ट्रस्ट कानपुर द्वारा शैलेंद्र रघुवंशी स्मृति सम्मान अभिनेता व निर्देशक दिलीप रघुवंशी को दिया गया। शिविर के सभी कलाकारों को डा. अचिंत माथुर पुरस्कार व चित्रकला के प्रतिभागियों को हेमलता गोयल पुरस्कार प्रदान किया।

समारोह के संयोजक सुबोध गोयल, सह संयोजक अर्जुन कुमार गिरि, समन्वयक जितेन्द्र रघुवंशी, सह समन्वयक डा. ज्योत्सना रघुवंशी थीं। समारोह में जनगीत, शास्त्रीय, लोक व समकालीन, नृत्य, नाटक,
बालनाटिकाओं का प्रदर्शन किया गया। संगीत पक्ष महेंद्र राही, सरदार सिंह, सुनीता, आकांक्षी, सिंधु द्विवेदी, प्रदीप शर्मा ने संभला। प्रबंध व्यवस्था में भोलानाथ सिंह, रेनू गोयल, प्रमोद सारस्वत, सुनील वार्ष्णेय आदि रहे।


2 comments:

  1. शिविर व कार्यक्रम की सफलता के समाचार ज्ञात कर प्रसन्नता हुई।

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  2. safalata poorvak aur sarthak ayojan ke liye IPTA ko bahut badhai.

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