युवाओं को वैचारिक सोच के साथ रंगमंच से जोड़ने और उन्हें मंच प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित चतुर्थ इप्टा अंतर महाविद्यालयीन नाट्य प्रतियोगिता का समापन १२ अक्टूबर 2014 को नेहरू सांस्कृतिक भवन सेक्टर 1 में सम्पन्न हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ इप्टा के वरिष्ठ साथी सुभाष मिश्रा थे। इस अवसर पर प्रसिद्ध भजन,ग़ज़ल गायक प्रभञ्जय चतुर्वेदी भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
इप्टा भिलाई द्वारा आयोजित इस महत्वपूर्ण नाट्य प्रतियोगिता में दुर्ग-भिलाई के सात महाविद्यालयों के कुल १०१ छात्र -छात्राओं ने भागीदारी की। दिनाँक 12 अक्टूबर 2014 को पहली प्रस्तुति साईं महाविद्यालय की "ताज महल का टेंडर" तथा अंतिम प्रस्तुति स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय की "रोशनी" थी । लाल फीताशाही और कार्पोरेट स्तर पर भ्रष्ट्राचार तथा राजनीति से लेकर खेल संघों में व्याप्त भाई भतीजावाद पर करारे व्यंगों पर आधारित इन नाटकों के अलावा महिला उत्पीड़न,नारी स्वतंत्रता,भ्रूण हत्या जैसे विषयों पर गर्ल्स कॉलेज दुर्ग का नाटक "आधी आबादी का पूरा हिस्सा"सेंट थॉमस कॉलेज का "नारी तो है कुदरत का उपहार"एवं शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर महाविद्यालय का नाटक "औरत एक कोलाज़" एक सैनिक की व्यथा पर आधारित रस्तोगी नर्सिंग कॉलेज का नाटक "सिपाही की माँ" तथा समाज में व्याप्त विसंगतियों पर आधारित कल्याण कॉलेज का नाटक "प्यासा आदमी" दर्शकों के बीच काफी सराहे गये। मराठी रंगमंच की वरदा जोशी,मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ इप्टा के वरिष्ठ साथी सतीश शर्मा तथा दृष्टिकोण नाट्य संस्था के सुब्रत शर्मा इस स्पर्धा के निर्णायक थे।
इप्टा के वरिष्ठ साथियों ख्वाजा अहमद अब्बास,बलराज साहनी,कैफ़ी आज़मी,हबीब तनवीर,ए के हंगल आदि के नाम से घोषित सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतिओं एवं अभिनेता,अभिनेत्री पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति का प्रथम पुरस्कार (पांच हज़ार रु नकद +ट्राफी तथा प्रमाणपत्र) रस्तोगी कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग के नाटक "सिपाही की माँ" को,द्वितीय पुरस्कार (तीन हज़ार रु नकद +ट्राफी तथा प्रमाणपत्र) कल्याण कॉलेज के नाटक "प्यासा आदमी को और तृतीय पुरुस्कार (दो हज़ार रु नकद +ट्राफी तथा प्रमाणपत्र) गर्ल्स कॉलेज के नाटक "औरत एक कोलाज़ "को दिया गया। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर महाविद्यालय के नाटक "औरत एक कोलाज़"को स्पेशल जूरी अवार्ड से नवाजा गया ।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का प्रथम पुरस्कार पुष्पा तांडे (सिपाही की माँ ),द्वितीय पुरस्कार नेहा साहू ( औरत एक कोलाज़ ),तृतीय पुरस्कार चित्रिका मानिकपुरी ( आधी आबादी का पूरा हिस्सा) तथा सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का प्रथम पुरस्कार किसन सिन्हा (प्यासा आदमी ),द्वितीय पुरस्कार दिलेश्वर साहू (औरत एक कोलाज़ ),तृतीय पुरस्कार भाविक रूपड़ा (प्यासा आदमी ) को तथा नागेश्वर(ताज महल का टेंडर ) एवं तनुश्री सेनगुप्ता (औरत एक कोलाज़ )को सान्तवना पुरस्कार प्राप्त हुए । नाटकों के विषय, प्रस्तुतीकरण और प्रतिभागियों की सक्रियता को देखकर उम्मीद है इस आयोजन से दुर्ग - भिलाई के युवाओं में रंगमंच के प्रति एक विचार के साथ रूचि पैदा होगी ।
राजेश श्रीवास्तव
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