आगरा। महिला दिवस के अवसर पर भारतीय महिला फेडरेशन के तत्वावधान में समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर महिलाओं के साथ-साथ भारतीय जन नाट्य संघ ने नाटक और कविताओं की प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर शिक्षिका, रंगकर्मी और समाजसेवी अरुणा रघुवंशी को भी तहे दिल से याद किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि जवाहर सिंह धाकरे ने वर्तमान समय में महिलाओं की स्थिति और दिवस की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिला दिवस मुख्य रुप से कामकाजी महिलाओं के अधिकारों और
उनको मिलने वाली मजदूरी में पाई गई विषमताओं को खत्म करने के लिए आवाज उठाने का एक दिन के रूप में प्रारंभ हुआ। अध्यक्षता करते हुए फेडरेशन की पूर्व अध्यक्ष कमला धाकरे ने महिला समाज को संगठित और शिक्षित होने पर जोर दिया। पूर्व महासचिव सरला जैन ने महिला दिवस के बाजारीकरण और उसे बाजार का उत्सव बनाने पर ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि जैसे सरकार ने तेलंगाना विधेयक पास कराया, उसी
तरह वह महिला आरक्षण विधेयक भी पास करा सकती थी।
उनको मिलने वाली मजदूरी में पाई गई विषमताओं को खत्म करने के लिए आवाज उठाने का एक दिन के रूप में प्रारंभ हुआ। अध्यक्षता करते हुए फेडरेशन की पूर्व अध्यक्ष कमला धाकरे ने महिला समाज को संगठित और शिक्षित होने पर जोर दिया। पूर्व महासचिव सरला जैन ने महिला दिवस के बाजारीकरण और उसे बाजार का उत्सव बनाने पर ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि जैसे सरकार ने तेलंगाना विधेयक पास कराया, उसी
तरह वह महिला आरक्षण विधेयक भी पास करा सकती थी।
इस अवसर पर भारतीय जन नाट्य संघ आगरा द्वारा दुष्यंत कुमार की कविता ‘तुमने देखा’ का मंचन किया गया। साथ ही चंद्रकांत देवताले की कविता ‘वो औरत’ और ‘लड़कियां की जिन्दगी’ प्रस्तुति दी गई। डॉ. विजय शर्मा के निर्देशन में कलाकार अंकित, अजय, तरुण, रक्षा, गौरव, निखिल, मनीष और नीतू दीक्षित ने प्रभावपूर्ण प्रस्तुति दी। संचालन इप्टा के निदेशक दिलीप रघुवंशी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन फेडरेशन सचिव मंजूलता सिंह ने दिया।
समारोह में महिलाओं से संबंधित सामाजिक मुद्दों पर पोस्टर प्रदर्शनी भी सराही गई। इस मौके पर कविता राना, मोना, प्रतिभा, कुसुम, प्रभा, मिथलेश, सुरेश चौहान, रेनू गोयल, भावना रघुवंशी, मधु शर्मा आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
समारोह में महिलाओं से संबंधित सामाजिक मुद्दों पर पोस्टर प्रदर्शनी भी सराही गई। इस मौके पर कविता राना, मोना, प्रतिभा, कुसुम, प्रभा, मिथलेश, सुरेश चौहान, रेनू गोयल, भावना रघुवंशी, मधु शर्मा आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
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