31 जुलाई, उरई। इप्टा और प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित मुंशी प्रेमचंद जयंती समारोह में शिरकत करने का मौक़ा मिला । कार्यक्रम में लिटिल इप्टा लखनऊ की संयोजिका सुमन श्रीवास्तव के निर्देशन में लखनऊ के दो बाल कलाकारों गरिमा सिंह और आँचल सिंह द्वारा नज़्म ,"हमें भी दिखा दो किताबों की दुनिया ..." तथा उरई से आठ -दस किमी दूर स्थित क़स्बा आटा की लिटिल इप्टा इकाई द्वारा जनगीत और "हमारी चिड़ियाँ "नाटक की शानदार प्रस्तुति हुई जिसका निर्देशन दीपेन्द्र ने किया ।
अंत में मुंशी प्रेमचंद की कहानियों ."कफ़न ",ग़रीब की हाय ", "मन्त्र","ठाकुर का कुआँ ""पूस की रात"तथा "गोदान "पर परिचर्चा हुई जिसमें वक्ताओं ने मुंशी प्रेमचंद के प्रगतिशील विचारों और उनकी गहरी मनोवैज्ञानिक नज़र का उल्लेख किया । इस मौक़े पर बाल - साहित्यकार श्याम सुंदर "कोमल" को इप्टा उरई की तरफ से" प्रेमचंद कथा सम्मान से नवाज़ा गया और एक प्रशस्ति -पत्र प्रदान किया गया ।
उरई जैसे छोटे शहर में इस तरह के शुद्ध साहित्यिक -सांस्कृतिक आयोजन में जिस तादाद और उत्साह से लोगों ने शिरकत की उससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि ज़मीन से जुड़ कर काम करने वाले लोगों को कभी मायूस होने की ज़रुरत नहीं है । प्रलेस एवं भारतीय जन-नाट्य संघ (इप्टा ) उरई को बहुत बहुत बधाई ।
-ओमप्रकाश नदीम
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