भिलाई इप्टा द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी इप्टा के स्थापना दिवस " जनसंस्कृति " को काफी धूमधाम से मनाया गया । इस कार्यक्रम के मुख्यअतिथि भिलाई इस्पात संयंत्र के महा प्रबंधक श्री एच रायचौधरी थे। ज्ञातव्य है की भिलाई इप्टा ने इस वर्ष 5 मई से आयोजित "19 वीं बाल एवं तरुण नाट्य कार्यशाला" साथी जीतेन्द्र रघुवंशी को समर्पित की थी । इस कार्यशाला में 9 वर्ष से 25 वर्ष उम्र के कुल 150 बच्चों को प्रक्षिक्षण दिया गया । कार्यशाला का समापन 24 मई को नेहरू सांस्कृतिक भवन साथी सुभाष मिश्रा के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ । इस अवसर पर दो जनगीत ईश्वर अल्ला तेरे जहाँ में ( जावेद अख्तर) एवं हम वो दीपक हैं ( कैफ़ी आज़मी ) तथा दो छत्तीसगढ़ी लोक गीत कोई लीला कोई लीला तथा झम झमा झम पानी गिरे से कार्यक्रम की शुरुआत हुई । शिविर में तैयार तीन नृत्य जंगल सफारी,लावणी एवं छत्तीसगढ़ी नृत्य तथा भ्रूण हत्या पर नाटक "वेयर इस माई होम " (निर्देशक-नीतू जैन), जंगलों की अंधाधुंध कटाई पर " थोड़ा हमें भी जी लेने दो" ( निर्देशक - विक्रम मिश्रा ) तथा किताबों की उपयोगिता बतलाता नाटक " पुस्तक हंडी " ( निर्देशक-प्रखर सक्सेना ) के मंचन किये गए ।
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