Monday, May 8, 2017

“ इन्ना की आवाज़ ” से इप्टा अशोकनगर की नाट्य कार्यशाला शुरू


अशोकनगर  भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा ) द्वारा 12 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए  तेरहवीं बाल एवं किशोर नाट्य कार्यशाला की शुरूआत 6 मई को स्थानीय संस्कृति गार्डन में की गयी | इस नाट्य कार्यशाला का उद्घाटन जाने माने चित्रकार पंकज दीक्षित ने माइक से उदघाटन की  घोषणा कर के  किया | पंकज दीक्षित ने राष्ट्रीय इप्टा की आन्दोलनधर्मी परम्परा का उल्लेख करते हुए कहा कि “ इप्टा ज़ल्द ही अपनी स्थापना के 75 वें वर्ष में प्रवेश करने जा रही है , इप्टा की स्थापना 25 मई 1943 को मुम्बई में  हुई थी | देश के सांस्कृतिक आन्दोलन में इप्टा की केन्द्रीय भूमिका रही है | इप्टा ने कला , कलाकार और जनता के रिश्ते को नई तरह से परिभाषित किया है ” | रंगकर्मी डॉ. अर्चना प्रसाद  ने अशोकनगर इप्टा की लगभग तीस सालों की सक्रियता पर बोलते हुए कहा कि शहर में जन सरोकारों से जुड़े नाटक और आधुनिक रंगकर्म की शुरूआत इप्टा ने ही की है | इप्टा ने 1998 से बच्चों के रंगमंच पर काम शुरू किया और बच्चों को रंगमंच का पहला  संस्कार दिया | विनोद शर्मा ने शुरू  होने जा रही  तेरहवीं बाल एवं किशोर नाट्य कार्य शाला की रूपरेखा पर विस्तार से प्रकाश डाला | उद्घाटन सत्र का संचालन अभिषेक अंशु ने किया और शुरूआत में ही इप्टा के उस कथन को दोहराया कि – “ जनता के रंगमंच की असली नायक जनता ही होती है “ |
 उद्घाटन की औपचारिकता के बाद  पूर्ववर्ती नाट्य कार्यशालाओं में भागीदारी कर चुके बच्चों द्वारा जनगीतों की प्रस्तुति दी गयी | तत्पश्चात  असग़र वजाहत द्वारा लिखित नाटक " इन्ना की आवाज़ " का प्रदर्शन ऋषभ श्रीवास्तव के निर्देशन में किया गया | “ इन्ना की आवाज़ “ नाटक एशिया की एक लोककथा पर आधारित है | कथा यह है कि एक सम्राट ने अपने लिए भव्य भवन बनवाया | वह चाहता था कि भवन के मुख्य द्वार पर उसका नाम लिख दिया जाये | कारीगर जब सम्राट का नाम लिखते थे तो सम्राट का नाम अपने आप मिट जाता था और सम्राट की जगह पत्थर ढ़ोने वाली घोड़ागाड़ियों में जुते घोड़ों को पानी पिलाने वाले गुलाम ” इन्ना ”  का नाम लिखा हो जाता है | इस नाटक में सम्राट     “ इन्ना “ को अपना मंत्री बना देता है और उसकी शक्ति और लोकप्रियता को समाप्त कर देता है | नाटक में सम्राट की भूमिका कबीर राजोरिया ने और इन्ना की भूमिका सौरभ झा ने की | अन्य भूमिकाओं में दर्श दुबे , रूपाली , संस्कार साहू , ऋषभ , प्रज्ञा सक्सेना , हर्ष चौबे , दिनेश योगी , ओम , यश , खुशी विश्वकर्मा , गौरव जैन और सलोनी आदि ने अपने अभिनय से नाटक को सफल बनाया | नाटक का संगीत बच्चों ने ही तैयार किया था | अनुपम तिवारी की लाइटिंग और संजय माथुर का  मेकअप उल्लेखनीय रहा | नाटक के प्रदर्शन के बाद इप्टा अशोकनगर की अध्यक्ष सीमा राजोरिया ने आभार व्यक्त किया |
  कार्यकृम स्थल पर कविता पोस्टर और इप्टा अशोकनगर की बाल रंग गतिविधियों पर एकाग्र एक बृहद फोटो प्रदर्शनी लगाई गयी थी । इस नाट्य कार्यशाला का समापन आयोजन 28 मई को संस्कृति गार्डन में किया जाएगा |   
                                                                               _ सीमा राजोरिया / सिद्धार्थ शर्मा

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