Friday, March 3, 2017

आगरा : रंग ए सुलहकुल का आगाज़

गरा, 03 मार्च. आज रंग ए सुलहकुल का आगाज़ हो गया। आगरा की तहज़ीब की खुशबू हवा में लिए शिव वंदना पर शुरू हुए समारोह की शुरुआत हुई तो  मैकश की नज़्म और उनकी शायरी पर थिरकते नन्हे कदम आगरा की सुलहकुल संस्कृति की गवाही दे रहे थे।समारोह का उदघाटन प्रसिद्ध लेखिका नूर ज़हीर और भावना जितेंद्र रघुवंशी जी ने सुलह का दिया जला कर किया और यादगारे आगरा के सरपरस्त सैय्यद अजमल अली शाह और सोम ठाकुर जी ने रंग ए सुलहकुल के बैनर से परदा खींच 6 दिवसीय कार्यक्रम के आगाज़ की घोषणा की ।

समारोह में विशिष्ठ अतिथि के तौर पर बृज हेरिटेज कजंर्वेशन सोसाइटी के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा जी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत नृत्य ज्योति कत्थक केंद्र के कलाकारों ने श्रीमती ज्योति खंडेलवाल के निर्देशन और विशाल झा जी के समन्वयन में शिव वंदना प्रस्तुत की। अल्लामा मैकश का आगरा और  उनकी शायरी पर डॉ नसरीन बेगम और कलाम अहमद साब ने आने विचार व्यक्त करते हुए मैकश के मानवता के प्रति प्रेम और आगरा में अदब के जरिये उसको फ़ैलाने के लिए प्रयासों पर प्रकाश डाला। प्रसिद्ध लेखिका नूर ज़हीर ने सुलहकुल के इस प्रयास को एक आज के समय की जरूरत बताया और कहा कि यही वो विचार है जो पूरी दुनिया को एक साथ ला सकता है ताकि मोहब्बतें बनी रहें।

श्रीमती भावना रघुवंशी ने अपने उदबोधन में कहा कि आदरणीय रघुवंशी जी के व्यक्त्तिव्य में सबको साथ रखने का जो जज़्बा था वो सुलहकुल की पहचान कराता है।यह प्रयास  उनके काम को आगे ले जाएगा। प्रसिद्ध कवि सोम ठाकुर जी ने इस प्रयास को अनूठी पहल बताया एड. अमीर अहमद  ने इस् सत्र का सञ्चालन करते हुए मैकश की शायरी को सुलहकुल परंम्परा का प्रतीक बताया । सांस्कृतिक सत्र में मैकश की ग़ज़ल पर प्रेरणा चौहान द्वारा गायी गई और तबले पर संगत भानु प्रताप सिंह पर नृत्य ज्योति कत्थक केंद्र के कलाकारों ने शानदार नृत्य द्वारा मन मोह लिया ।इस सत्र का संचालन विशाल रियाज़ ने किया ।

समारोह  की अध्यक्षता कर सैयद अजमल अली शाह साब ने इसे इंसानियत का पहला कर्तव्य बताया और कहा कि ये आने वाली पीढ़ी को आगरा की सुलहकुल परम्परा से परिचित करायेगा । रंग ए सुलहकुल के समन्वयक डॉ विजय शर्मा ने इस सामूहिक प्रयास और इसकी आज की जरुरत बताते हुए कहा कि ये हम सब को साथ रहने की ताकत और समझ देगा। कार्यक्रम में सभी अतिथियों को आगरा के संगमरमर के काम से बना एक प्रतीक चिन्ह दिया गया और कलाकारों का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया ।

 कार्यक्रम में डॉ ज्योत्स्ना रघुवंशी जी ने जितेंद्र जी के के काम पर बातचीत की। बृज खंडेलवाल, अनिल शुक्ला, डॉ शशि तिवारी,  के नंदा, आदि ने सहयोग किया मंच की साज सज्जा कला संयोजक श्रीमती नीतू दीक्षित ने  वासिफ शेख ,सौरभ लहरी और अर्पित ,अर्जुन गूजर के साथ मिलकर की।
धन्यवाद ज्ञापन फैज़ अली शाह ने किया। कार्यक्रम के अंत में स्वप्ल्हार की व्यवस्था फ़ाइज़ अली शाह, कामिल, सनी, मनीष सिंह शुभम, अर्पित, राम शर्मा, आनंद बंसल आदि ने संभाली                        

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