Tuesday, October 20, 2015

विवेचना जबलपुर का 22 वां राष्ट्रीय नाट्य समारोह 28 अक्टूबर से

विवेचना थियेटर ग्रुप का बाइसवां राष्ट्रीय नाट्य समारोह आगामी 28 अक्टूबर से 01 नवंबर 2015 तक तरंग प्रेक्षागृह में आयोजित है। विवेचना का यह समारोह केन्द्रीय क्रीड़ा व कला परिषद एम पी पावर मैनेजमेंट कंपनी लि के साथ संयुक्त रूप से आयोजित है। इस समारोह में अलग अलग रंग के नाटक मंचित होने जा रहे हैं। हर नाटक की अपनी एक विशिष्टता है जिसके कारण ये नाटक इस समय भारत के सर्वाधिक चर्चित नाटकों में से एक हैं। 

विवेचना ने राष्ट्रीय नाट्य समारोह की शुरूआत सन् 1994 से की थी। तबसे अब तक हर वर्ष आयोजित नाट्य समारोहों प्रसिद्ध निर्देशकों, कलाकारों और नाट्य संस्थाओं ने जबलपुर में अपने मंचन किए हैं। विवेचना थियेटर ग्रुप के नाट्य समारोह की अपनी प्रतिष्ठा है। समारोह का हर नाटक किसी खासियत के साथ ही होता है और दर्शकों को विवेचना के नाट्य समारोह का इंतजार रहता है। 

हले दिन 28 अक्टॅूबर को आयोजक संस्था विवेचना थियेटर ग्रुप के नाटक ’मौसा जी जैहिन्द ’ का मंचन होगा। यह नाटक उदयप्रकाश की इसी नाम की कहानी पर आधारित है। इसका लेखन व निर्देशन वसंत काशीकर ने किया है। इसमें प्रमुख भूमिका भी वसंत काशीकर ने निबाही है। इस नाटक के मंचन अब देश भर में हो रहे हैं। फिलहाल यह नाटक एन एस डी के पूर्वात्तर क्षेत्रीय फेस्टीवल में सिक्किम, अगरतला, जोरहाट और मेघालय के तूरा में मंचित हो रहा है। 

मारोह का दूसरा नाटक दिल्ली की संस्था स्पर्श नाट्यरंग द्वारा अजित चौधरी के निर्देशन में मंचित होगा। ’पति गये री काठियावाड़’ नामक यह नाटक सुप्रसिद्ध मराठी लेखक वेंकटेश माडगूलकर का लिखा हुआ है जिसका हिन्दी अनुवाद सुधीर कुलकर्णी ने किया है। यह सहज और निर्दोष हास्य का नाटक है। इसके दिल्ली सहित देश के विभिन्न शहरों में मंचन बहुत सराहे गये हैं। 

तीसरे दिन रवि तनेजा के निर्देशन में कॉलेजिएट डामा सोसायटी दिल्ली द्वारा जगदीश चन्द्र माथुर के ऐतिहासिक नाटक ’कोणार्क’ का मंचन किया जाएगा। कोणार्क के ध्वस्त मंदिर की कथा इस नाटक में एक अलग दृष्टिकोण से दर्शाई गई है। इसमें सैट, लाइट और अभिनय सभी बहुत भव्य है। 

चौथे दिन आज के समय का सर्वाधिक प्रशंसित नाटक ’बेयरफुट इन एथेंस’ का मंचन लखनऊ के कलाकार करेंगे। नाटक का निर्देशन वरिष्ठ रंगनिर्देशक राज बिसारिया जी ने किया है। इस नाटक के मंचन देश और विदेश में बहुत सराहे गए हैं। इस नाटक को पिछले 10 वर्षों का सर्वश्रेष्ठ नाटक माना जाता है। यह नाटक सुकरात को मौत की सजा दिये जाने के पहले चलाए गए मुकदमे पर आधारित है। आज के समय के सबसे बड़े मुद्दे प्रजातंत्र पर बहस करता है। 

पांचवें और अंतिम दिन व्रात्य बसु का नाटक ’चतुष्कोण’ मंचित होगा। इसका निर्देशन प्रो सुरेश भारद्वाज ने किया है। यह रहस्य रोमांच से भरा नाटक है। बहुत समय बाद हिन्दी में इस विषय को छूता हुआ नाटक आया है। इस नाटक के मंचन बहुत पसंद किए जा रहे हैं। एक पति, पत्नी व दो अन्य पुरूषों के बीच की यह कहानी बहुत रोचक है। 

विवेचना ने यह समारोह केन्द्रीय क्रीड़ा व कला परिषद एम पी पावर मैनेजमेंट कंपनी लि के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया है। प्रतिदिन संध्या 7.30 बजे से तरंग ऑडीटोरियम में नाटक मंचित होंगे। विवेचना ने सभी नाट्यप्रेमियों से नाटकों का आनंद लेने का अनुरोध किया है। इस हेतु हिमांशु राय 9425387580, बांकेबिहारी ब्यौहार 9827215749 वसंत काशीकर 9425359290 से संपर्क किया जा सकता है।

हिमांशु राय
सचिव विवेचना

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