Tuesday, April 28, 2015

वैज्ञानिक चेतना का विकास इप्टा का ध्येय है

"वैज्ञानिक चेतना का विकास इप्टा का ध्येय है और इसी उद्देश्य से इप्टा के कलाकार नुक्कड़ पर अलख
सभा को संबोधित करते प्रो. वीरेंद्र 
जगा रहे हैं. आप परेशान ना हों और इस प्राकृतिक चुनौती का मिलकर सामना करें" छपरा के नगरपालिका चौक पर भूकंप के झटकों के बाद सोशल मीडिया पर फैलायी जा रही अफवाहों की वजह से किसी प्रलय की आशंका से भयभीत आवाम को जागरूक करने के उद्देश्य से छपरा इप्टा द्वारा आयोजित नुक्कड़ सभा को सम्बोधित करते हुए बिहार इप्टा अध्यक्ष मंडल के सदस्य प्रो० वीरेंद्र नारायण यादव ने यह बात कहीं.
छपरा इप्टा ने भूगोलविदों, रंगकर्मियों, बुद्धिजीवियों, प्रशासनिक अधिकारियों, राजनेताओं आदि के 
साथ नगरपालिका चौक पर आमजन के बीच रंगभूमि सभा कर सामाजिक-सांस्कृतिक हस्तक्षेप किया. जिसमें भूकंप के कारणों और प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करते हुए इसे सामान्य भौगोलिक घटना बताया गया, यह कोई दैविक प्रकोप नहीं है. वक्ताओं ने साफ किया कि अगर यह भूकंप दैवी प्रकोप होता तो इसका केन्द्र शिव के कैलाश और मानसरोवर वाला हिन्दू राष्ट्र नेपाल क्यों बना?.साथ ही, वक्ताओं ने सोशल मीडिया पर जोरदार भूकंप के पुनरागमन की भविष्यवाणी, चाँद के उल्टा होने, जल स्रोतों में जहर घुलने आदि आक्रामक अफवाहों का तार्किक और वैज्ञानिक खंडन किया और भूकंप से बचने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की. उपस्थित लोगों ने प्रश्न पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया. इस आयोजन में आमजन की सक्रिय सहभागिता रही.
        अंत में छपरा इप्टा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. लाल बाबू यादव ने आवाम से एकजुट हो कर प्राकृतिक आपदा भूकंप का सामना करने और पीड़ितों को आवश्यक सहयोग देने का आह्वान किया. छपरा इप्टा के सचिव व बिहार इप्टा संयुक्त सचिव मंडल के सदस्य अमित रंजन ने कार्यक्रम का संचालन किया. 


समाचार पत्रों ने  भी छपरा इप्टा की इस पहल को स्थान दिया





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