Tuesday, March 10, 2015

जितेन्द्र रघुवंशी : भारी मन आैर नम आंखोंं की स्मृतियां

गरा के लोगों का मन बहुत भारी था, आखों में नमी लिए शहर ने नाट्य कर्मी व शिक्षाविद डॉ जितेन्द्र रघुवंशी को याद किया. इस अवसर वक्ताओं ने कहा कि “डॉ जितेन्द्र रघुवंशी वो शख्स थे जिसने अनास्था के वक्ष पर आस्था को गढ़ा और अपने सृजन को व्यक्तिगत अमरता के लिए नहीं अपितु समाज को जीवंत बनाये रखने के लिए इस्तेमाल किया, उनका जीवन समाज के लिए समर्पित था, उनका जाना शहर की बौद्धिक सम्पदा के लुट जाने जैसा है.  डॉ रघुवंशी एक विनम्र और सहृदय शिक्षक और कुशल संगठनकर्ता के साथ साथ संकल्प के शिखर के रूप में याद किये जायेंगे, उनका निधन न केवल आगरा अपितु देश में न भरी जाने वाली रिक्तता है इस अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से रंगकर्म, सांस्कृतिक आन्दोलन, राजनीति व कला जगत से जुडी नामचीन हस्तियों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.

अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नाट्य निर्देशिका, साहित्यकार नूर ज़हीर ने कहा कि उनके जाने से हमारी सूचनाओं और सांगठनिक संप्रेषण का एक बड़ा माध्यम चला गया ,उनके रहने से हम कई मोर्चों पर निश्चिन्त रहा करते थे वो एक सफल संगठन कर्ता और स्वप्न दृष्टा भी थे हमको उनके सपनों पूरा करने का संकल्प लेना चाहिए.”
केन्द्रीय मंत्री उत्तर प्रदेश शासन राजा अरिदमन सिंह ने कहा कि डॉ रघुवंशी का जाना आगरा का बहुत बड़ा नुकसान है इसको आने वाले दिनों में जल्द नहीं भरा जा सकता. 

पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामजी लाल सुमन ने कहा, “रघुवंशी जी एक अच्छे मित्र के रूप में तो याद किये ही जायेंगे अपितु मूल्यों पर जीने वाले इंसान थे जो अपनी स्पष्ट उदेश्यों के लिए जाने जाते थे उन्होंने कहा कि "बेवजह दिल पर बोझ न भारी रखिये , जिंदगी जंग है इस जंग को जारी रखिये, कितने दिन जिंदा रहे इसकी न शुमारी रखिये, किस तरह जिंदा रहे इसको...."

खगोल विज्ञानी और दिल्ली इप्टा के डॉ अमिताभ पाण्डेय ने कहा कि जितेन्द्र जी मेरे लिए आगरा का पर्याय थे वो कला को विज्ञान से जोड़ने के बड़े हामी थे हम उनकी उमीदों को आगे बढाएं यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि  होगी . शिक्षाविद और कानपुर विवि के पूर्व कुलपति डॉ वी के सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने जेवण को सामाजिक और साहित्य के लिए जिया वो चाहते तो व्यक्तिगत अमरता के लिए काम न करके सामाजिक सरोकारों को महत्वपूर्ण माना.

इस अवसर पर विभिन्न राजनैतिक दलों की ओर से भी उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किये भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के रमेश मिश्रा , भारतीय जनता पार्टी के शहर अध्यक्ष निगामा दुबे, समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष राम सहाय यादव मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिलामंत्री श्री लाल तोमर ने उनको संगठनकर्ता और कुशल सांस्कृतिक नेता के रूप में याद किया.

स्मृति सभा में डॉ रघुवंशी के परिवार के सदस्यों ने उनके सपनों को पूरा करने के लिए सभी का आशीष और सहयोग माँगा उनकी बहन डॉ ज्योत्स्ना रघुवंशी ने कहा कि मेरे भाई एक बहुआयामी व्यक्तिव्य के धनी और बहुत सारे कामों से घिरे रहने के बावजूद बहुत धैर्यशाली व्यक्ति थे हम उनके सपनों को पूरा करने का प्रयास करेंगे पुत्र मानस रघुवंशी ने उनके द्वरा लिखित कविता “तुम मानसरोवर हो” का पाठ किया.

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