Saturday, February 1, 2014

छपरा इप्टा का 'पैगाम-ए-मोहब्बत'

परा। सामाजिक-सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिये गांधी जयंती से प्रारंभ कार्यक्रम ‘खादी के फूल’ का समापन शहादत दिवस पर ‘हे राम’ के रूप में संपन्न हुआ। इप्टा द्वारा ये कार्यक्रम ‘‘पैमाम-ए-मोहब्बत 2014’’ अभियान के तहत संपूर्ण जिले में आयोजित किये गये।

बापू की शहादत दिवस पर इप्टा, छपरा की पहल पर 23 स्वयंसेवी संस्थाओं व स्थानीय प्रशासन के सहयोग से स्कूली बच्चों द्वारा 5 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनायी गयी तथा नफरत और हिंसा के खिलाफ 2 मिनट का मौन सत्याग्रह रखा गया। इस दौरान स्कूली बच्चों ने मनभावन झांकिया भी प्रस्तुत कीं और गांधी चौक पर स्थानीय कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक ‘मत बाँटो इंसान’ प्रस्तुत किया गया। इसके बाद समाहरणालय सभागार में ‘21 वीं सदी में बापू की प्रासंगिकता’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें गांधी दर्शन की सांगोपांग विवेचना की गयी। संगोष्ठी का संचालन अमित रंजन ने किया।

इप्टा की मढ़ौरा, भेल्दी, सुतिहार और गड़खा शाखाओं द्वारा भी चार महीनों तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। मढौरा के पी.पी. इंटर कॉलेज में बापू को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी।

इसी दौरान भिखारी ठाकुर जयंती पर इप्टा के नेतृत्व में 16 सांस्कृतिक संस्थाओं के सहयोग से लोक संस्कृति और सद्भाव महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें विचार गोष्ठी व स्मारिका के विमोचन के अलावा बाल रंगकर्मियों द्वारा नाटक ‘अंधेर नगरी’ का मंचन किया गया। सारण इप्टा समन्वय समिति के संयोजक, राज्य कार्यसमिति के सदस्य व छपरा इप्टा के सचिव अमित रंजन द्वारा प्रेषित जानकारी के अनुसार इप्टा की विभिन्न शाखायें व्यापक पैमाने पर नुक्कड़ नाटकों के प्रदर्शन की तैयारी में लगी हुई हैं। इस अभियान के तहत छपरा शाखा द्वारा 10 फरवरी को बिहार इप्टा नुक्कड़ नाट्य महोत्सव में नाटक ‘समरथ को नहिं दोष गुसाईं’ की प्रस्तुति दी जायेगी।

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